स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से हैं परेशान तो जरुर करें ये प्रणायाम

अगर आप स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो नियमित रूप से इन प्रणायाम का अभ्यास करें। 

pranayam for stress and anxiety

आज के समय में तनाव और मनुष्य का चोली-दामन का साथ है। हर वक्त व्यक्ति किसी ना किसी वजह से तनाव में ही रहता है। खासतौर से, मौजूदा समय में देश में जो हालात है, उसके कारण तनाव और एंग्जाइटी होना लाजमी है। जहां कुछ महिलाओं के मन में कोरोना वायरस का डर है तो कुछ महिलाएं लॉकडाउन के कारण घर पर हैं और वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ना जाने आगे क्या होगा। इतना ही नहीं, 21 दिनों तक घर में रहना भी कई लोगों को परेशान कर रहा है। 

अगर आपके मन में भी नकारात्मक विचार आकर आपको परेशान कर रहे हैं तो आपको बिना वजह स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं है। इन सभी तनावों व स्ट्रेस को खुद से दूर करने के लिए आप योग का सहारा ले सकती हैं। ऐसे कई प्रणायाम हैं, जो ना सिर्फ स्ट्रेस को दूर करते हैं, बल्कि आपको शारीरिक व मानसिक रूप से भी सेहतमंद बनाते हैं। अगर आप बिगनर हैं तो भी आप आसानी से प्रणायाम कर सकती हैं। तो चलिए आज आपको योगा गुरू नेहा वशिष्ट कार्की बता रही हैं कि स्ट्रेस को दूर रखने के लिए आप कौन-कौन से प्रणायाम कर सकती हैं-

नाड़ीशोधन प्रणायाम

know about pranayam for stress management Inside

नाड़ी शोधन प्रणायाम दिमाग में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाता है। यह ब्रेन सेल्स को एक्टिव करता है, जिससे माइंड शांत होता है। साथ ही इस प्रणायाम करते हुए आप होल्ड करती हैं। जब नाड़ीशोधन प्रणायाम के दौरान कुम्भक किया जाता है तो इससे ऑक्सीजन कुछ देर के लिए आपके शरीर में रूकती है। इस दौरान आपके माइंड और बॉडी का डिटॉक्सीफिकेशन होता है। जिससे नकारात्मक विचार भी आपके मन से दूर होता है। इसके नियमित अभ्यास से गुस्सा, स्ट्रेस और चिड़चिडे़पन जैसी परेशानी भी दूर होती है।

कैसे करें

नाड़ीशोधन प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सुखासन या पद्मासन में आंखें बंद करके एकदम सीधा बैठ जाएं। अब सीधे हाथ की प्राणायाम मुद्रा बनाए। अब दाएं हाथ के अंगूठे से दायीं नासिका बंद कर पूरी श्वास बाहर निकालें। अब बायीं नासिका से श्वास को भरें, तीसरी उंगली से बायीं नासिका को भी बंद कर आंतरिक कुंभक करें। जितनी देर स्वाभाविक स्थिति में रोक सकते हैं, रोकें। फिर दायां अंगूठा हटाकर श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। 1-2 क्षण बाह्य कुंभक करें। फिर दायीं नासिका से गर्दन उठाकर श्वास को रोकें, फिर बायीं से धीरे से निकाल दें। आप इसी तरह बार-बार नाड़ीशोधन प्रणायाम का अभ्यास कर सकती हैं। 

उज्जायी प्रणायाम

know about pranayam for stress management Inside

उज्जायी प्रणायाम थॉयराइड हार्मोन को बैलेंस करने का काम करता है। थॉयराइड  हार्मोन के असंतुलन के कारण स्ट्रेस क्रिएट होता है। इसलिए अगर नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाए तो आपको तनाव और थॉयराइड जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

कैसे करें

उज्जायी प्रणायाम का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम सुखासन में बैठ कर मुंह को बंद करके नाक के दोनों छिद्रों से वायु को तब तक अन्दर खींचें, जब तक वायु फेफड़े में भर न जाए। याद रखें कि वायु को अंदर खींचते समय गले से खर्राटें की आवाज निकलनी चाहिए। अब आप कुछ देर आंतरिक कुंभक (वायु को अंदर ही रोकना) करें। इसके बाद फिर नाक के दाएं छिद्र को बंद करके बाएं छिद्र से वायु को धीरे-धीरे बाहर निकाल दें। इस तरह इस क्रिया का पहले 5 बार अभ्यास करें और धीरे-धीरे अभ्यास की संख्या बढ़ाते हुए 20 बार तक ले जाएं

भ्रामरी प्रणायाम

know about pranayam for stress management Inside

भ्रामरी प्रणायाम के दौरान अंतरंग नाद क्रिएट किया जाता है। यह नाद हमारे शरीर व दिमाग में घूमता है। यह सेल्युलर लेवल पर जाकर यह इफेक्ट लेकर आता है। इससे बॉडी के अंदर पॉजिटिव बदलाव आते हैं और दिमाग एकदम शांत हो जाता है। इसलिए अगर किसी को बहुत अधिक गुस्सा आता होया फिर आप हरदम स्ट्रेस में रहती हैं तो भ्रामरी प्रणायाम के अभ्यास से आपको यकीनन लाभ होगा। 

कैसे करें

भ्रामरी प्रणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप आंखें बंद करके सीधा बैठ जाएं। अब दोनों हाथों के अंगूठे से अपने कान बंद कर लें और दोनों हाथों की तर्जनी उंगली को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को आंखों के उपर रखें। एक लंबी गहरी सांस लें। इसके बाद बिना मुंह खोले भ्रमर की आवाज निकालें और इस दौरान सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। इसी प्रक्रिया को आप अपनी क्षमतानुसार बार-बार दोहरा सकती हैं।

ओम चैटिंग

know about pranayam for stress management Inside

अगर आपने अभी-अभी योगाभ्यास शुरू किया है और योगासन करने में आपको कठिनाई का अहसास हो रहा है तो ओम् चैटिंग के जरिए आप अपने मन को रिलैक्स कर सकती हैं। मेडिटेशन के दौरान भी ओम चैटिंग का अभ्यास किया जाता है। यह आपके मन-मस्तिष्क को पूरी तरह शांत करता है। 

कैसे करें

ओम् चैटिंग का अभ्यास करने के लिए एक शांत जगह पर जाकर बैठ जाएं। सुखासन या किसी और आसान में बैठकर आंखें बंद करके ओम् का उच्चारण करें। इस दौरान मन में आने वाले विचारों को जबरदस्ती रोकने की कोशिश ना करें। जब आप शांतिपूर्वक ओम् का उच्चारण करेंगी तो कुछ ही देर में आपका मन खुद ब खुद शांत हो जाएगा।

यकीनन हमारे आसपास ऐसी कई चीजें हैं जो हमें तनावग्रस्त करती हैं। लेकिन प्रणायाम इन सभी तनावों को दूर करके आपके मन को शांत करता है। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिन्दगी से।

Back to top button