अगर आप भी हैं कॉफी के बहुत ज्यादा शौकीन, तो जरूर पढ़े खबर…

दुनिया भर में लोग सुबह की शुरुआत कॉफी की चुस्की के साथ करते हैं. ड्रिंक के पीछे लोगों की अलग-अलग थ्योरी होती है. कुछ लोग सुबह में पीने के पीछे बहुत जरूरी ऊर्जा को मानते हैं, जबकि अन्य मेलजोल का जरिया समझते हैं. कैफीन युक्त ड्रिंक के पीने की वजहों के बावजूद ज्यादातर लोग सहमत हैं कि सुबह में एक कप पीने से फायदा पहुंच सकता है. हालांकि, नियमित तौर पर कॉफी पीने से स्वास्थ्य के कई फायदे जुड़े हुए हैं. मगर, एक नया रिसर्च बताता है कि कॉफी दिमाग की संरचना में थोड़ा बदलाव ला सकती है.

रिसर्च में बताया गया कॉफी इस्तेमाल का दुष्प्रभाव

रिसर्च से संकेत मिलता है सुबह की ये आदत आपके दिमाग, खासकर याद्दाश्त को प्रभावित कर सकती है. कॉफी के असर को जांचने के लिए शोधकर्ताओं ने 20 वॉलेंटियर पर रिसर्च किया. रिसर्च के नतीजे को सेरेबरल कोर्टेक्स में प्रकाशित किया गया है. उसमें बताया गया है कि 10 दिन के ‘कैफीन परहेज’ से वॉलेंटियर में कैफीन नहीं पीने वालों के मुकाबले ग्रे मैटर का वॉल्यूम ज्यादा पाया गया. रिसर्च में शामिल 20 स्वस्थ वॉलेंटियर को नियमित तौर पर कॉफी का सेवन कराया गया. शोधकर्ताओं ने उन्हें दो कैप्सूल, एक कैफीन युक्त और दूसरा प्लेसेबो 10 दिन की दो अलग अवधि में लेने को दिया. उन्हें इस दौरान कॉफी पीने से मना किया गया.

दिमाग का काम अस्थायी तौर पर हो सकता है खराब

हर 10 दिन की अवधि के अंत पर शोधकर्ताओं ने वॉलेंटियर के ‘दिमाग का स्कैन कर ग्रे मैटर’ को देखा. हालांकि, रिसर्च का शुरुआती मकसद ये जानना था कि कैफीन का प्रभाव नींद की गुणवत्ता पर कैसे डालता है क्योंकि नींद की कमी दिमाग के ग्रे मैटर को प्रभावित कर सकती है. लेकिन, खोज से खुलासा हुआ कि वॉलेंटियर के नींद की गहराई बराबर रही, चाहे उन्होंने कैफीन का इस्तेमाल किया या नहीं. एक शोधकर्ता ने कहा, “हमारे नतीजे का अनिवार्य रूप से ये मतलब नहीं कि कैफीन का सेवन दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. लेकिन, रोजाना कैफीन पीने से जरूर हमारे दिमाग के तंत्र पर असर डालता है.” उन्होंने बताया कि दिमाग पर कैफीन का प्रभाव हो सकता है अस्थायी हो. लिहाजा, इस हवाले से रिसर्च का आगे रास्ता खुलता है कि कैसे ये बिल्कुल हमारे रोजाना के दिमागी काम को प्रभावित कर सकता है.

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