अगर आपके भी हाथो में है इन दो रेखाओं का योग, तो समझ लीजिए सोने पर है सुहागा

हस्‍तरेखा विज्ञान बहुत ही सूक्ष्‍म एवं वृहद विज्ञान है। हाथों की रेखाओं को समझते हुए भविष्‍य का आकलन करना आसान काम नहीं है। हस्‍तरेखा में भाग्‍य के साथ सूर्य रेखा को बहुत ही शुभ माना गया है। एकसाथ दोनों रेखाओं की अच्‍छी स्‍थिति बहुत ही भाग्‍यशाली लोगों के हाथों में देखने को मिलती है। यदि इन दोनों रेखाओं के साथ सूर्य रेखा भी अच्‍छी हो तो फिर यह सोने पर सुहागा जैसी स्‍थिति है। अच्‍छी सूर्य रेखा होने से व्‍यक्‍ति का जीवन समृद्धि से भरा हुआ होता है। ऐसा व्‍यक्‍ति हर क्षेत्र में सफलता के उच्‍च मुकाम हासिल करता है। लेकिन इसमें खास बात यह भी है कि यह रेखा कहां से और कैसे निकल रही है।

पं.अभि भारद्वाज के अनुसार यदि सूर्य रेखा मणिबंध या उसके पास से आरंभ होकर भाग्‍य रेखा के निकट समानान्‍तर अपने स्‍थान की ओर जा रही तो यह सबसे अच्‍छी स्‍थिति मानी जाती है। जिस वक्‍ति के हाथों में ऐसी रेखा होती है वह बहुत ही भाग्‍यशाली और चहुंओर सफलता पाने वाला होता है।  ऐसे व्‍यक्‍ति को किसी भी काम में निराशा हाथ नहीं लगती। यदि चंद्ररेखा से सूर्यरेखा का आरंभ हो तो व्‍यक्‍ति का भाग्‍य दूसरों की मदद से चमकता है। कोई मित्र या संबंधी ऐसे व्‍यक्‍ति की सहायता करते हैं और वह सफलता की सीढि़यां चढ़ने लगता है।

चंद्र क्षेत्र से शुरू होकर अनामिका तक पहुंचने वाली गहरी सूर्यरेखा भी महत्‍वपूर्ण होती है। ऐसे व्‍यक्‍ति का जीवन अनेक घटनाओं से भरा हुआ होता है। अधिकांश मामलों में इस तरह के लोगों का जीवन संदेहपूर्ण होता है। ऐसे लोगों के जीवन में बहुत से बदलाव आते हैं। हालांकि यदि यह रेखा चंद्रस्‍थान से निकलकर भाग्‍य रेखा के समानान्‍तर जाए तो भविष्‍य अच्‍छा रहता है। 

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