अगर आपके विवाह में हो रही है देरी तो हो सकते है ये कारण

भारतीय संस्कृति में विवाह एक बहुत बड़ा संस्कार है और विवाह का बंधन सभी के लिए ख़ास होता है। ऐसे में यह एक उत्तरदायित्व, सहयोग ,प्रेम एवं आपसी सामंजस्य का गठबंधन माना जाता है। वहीं आजकल कई लोग ऐसे भी हैं जिनमे विवाह में देरी पर देरी हो रही है। ऐसे में विवाह में देरी कुंडली में कुछ ऐसे कारक के कारण भी होती है जिनके वजह से विवाह में देरी हो जाती है।

हो सकते है ये कारण:

बुद्ध और शुक्र : कहा जाता है अगर सातवे घर में बुद्ध और शुक्र एक साथ विराजमान हो तो भी विवाह में देरी हो जाती हैं।

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विवाह में अरुचि: कहा जाता है जिन लोगो की कुंडली के चौथे भाव में या लग्न में मंगल हो और सातवे भाव में शनि हो तो ऐसे लोगो की विवाह में अरुचि होती हैं।

कहते हैं जिन महिलाओ की कुंडली में सातवे भाव का स्वामी शनि हो ऐसी लड़कियों का विवाह देरी से होता हैं। जिन जातको के लग्न और बारहवे भाग में गुरु विराजमान हो और साथ में कोई शुभ गृह का योग भी नहीं बन रहा हो,ऐसे जातको के विवाह में भी देरी होती हैं।

जिन लोगो की कुंडली के लग्न में बुध ,मंगल ,सूर्य विराजमान हो, और बारहवे में गुरु हो ऐसे व्यक्ति बहुत आध्यात्मिक होते हैं, इस वजह से उनकी शादी में देरी होती है।

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