IAS अनुराग तिवारी कि मौत को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में अब तक पुलिस व एसआईटी कोई खुलासा नहीं कर सकी है। इसके साथ ही अनुराग की हत्या का केस दर्ज कराने वाले भाई मयंक पुलिसियां जांच से संतुष्ट नहीं है। यही नहीं इसके साथ ही उनके पूरे परिवार ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किये थे| ऐसे में आईएएस अनुराग की मौत से जुड़ा अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है जिसने इस मामले को नया ही मोड़ दे दिया है|

IAS अनुराग तिवारी कि मौत को लेकर हुआ बड़ा खुलासाआईएएस अनुराग की मौत के मामले में पुलिस और डॉक्टर पहले दिन से ही संभावित हार्टअटैक को भी एक वज़ह मानकर चल रहे हैं लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान इसी बात की अंदेखी सामने आई है। जानकारी के मुताबिक यदि हार्टअटैक की संभावना थी तो पोस्टमार्टम के दौरान नाइट्रो बीट टेस्ट करना चाहिए था। अगर अनुराग को हार्टअटैक आया होता तो उनका दिल काला पड़ा जाता, जिसकी पुष्टि इस जांच में हो सकती थी लेकिन जानकारों का कहना है कि वक्त पर यह टेस्ट नहीं कराया गया।

एसआईटी की जांच पर उठे सवाल अनुराग के भाई मयंक ने राजधानी के हजरतगंज थाने में हत्या की धारा में केस दर्ज कराया था। एसआईटी की टीम अनुराग के परिवार के बयान दर्ज करने बहराइच गई थी। लेकिन मयंक का कहना है कि एसआईटी ने वादी (मयंक) के ही बयान दर्ज नहीं किए। उन्होंने इस तरह की जांच पर सवाल भी उठाया था।

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आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में लखनऊ पुलिस की बड़ी लापरवाही समाने निकल कर आई है। लखनऊ पुलिस के मुताबिक, आईएएस की मौत की सूचना एमसीआर (मॉर्डन कंट्रोल रुम) में 17 मई को सुबह 6 बज कर 10 मिनट पर मिली थी, जबकि उस रास्ते से गुजर रहे एक प्रत्यक्षदर्शी ने मीराबाई मार्ग पर पड़े अज्ञात शख्स को देख एमसीआर को इसकी सूचना बुधवार सुबह करीब 5:23 पर ही दे दी थी। साथ ही एमसीआर ने इस सूचना को सुबह 5:36 तक सभी संबंधित थानों को भी प्रसारित कर दिया था।

यह सभी रिकार्ड एमसीआर के रिकार्ड में दर्ज़ है। वहीं इस मामले में एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने बताया कि, इस तरह की लापरवाही अगर जांच में सामने आई तो मामले से जुड़े दोषी पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में सख्त कार्रवाई की जायेगी।

एक प्रत्यक्षदर्शी युवक ने बताया कि, वह बुधवार सुबह हजरतगंज स्थित नरही क्षेत्र में कॉल सेंटर से जॉब कर मीराबाई की ओर से घर के लिए जा रहा था कि तभी रास्ते में गेस्ट हाऊस के पास एक शख्स रोड के बीचों-बीच ओंधे मुंह पड़ा हुआ है। इसकी सूचना उसने तत्काल एमसीआर 100 नम्बर को मोबाइल द्धारा दी। प्रत्यक्षदर्शी और एमसीआर रिकार्ड के अनुसार उसने यह सूचना करीब सुबह 5:23 बजे दी थी। साथ ही एमसीआर द्वारा यह सूचना हजरतगंज कोतवाली में भी प्रसारित करवा दिया गया था लेकिन सूचना 40 मिनट पहले मिलने के बावजूद एमसीआर पुलिस सहित सम्बंधित थाने की पुलिस भी नहीं पहुँची।

 
 
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