हिंदू धर्म को कमजोर करने की ये कोशिश घातक: मोहन भागवत
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को लेकर किया गया फैसला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. इस मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पहली बार कोई बयान दिया है. भागवत का कहना है कि एक ही धर्म के लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है, जो लोग इसके पीछे जिम्मेदार हैं वो राक्षसी प्रवृत्ति के तहत बांटों और राज करो की नीति अपना रहे हैं.
नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत बोले कि हिंदुओं को संप्रदाय में बांटा जा रहा है, जो किसी भी देश और समाज के लिए घातक हो सकता है. गौरतलब है कि इस फैसले के बाद से ही बीजेपी भी लगातार कांग्रेस पर हिंदुओं को बांटने का आरोप लगा रही है.
क्यों अहम है लिंगायत समुदाय?
ये समुदाय राज्य में संख्या बल के हिसाब से मजबूत और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है. राज्य में लिंगायत/ वीरशैव समुदाय की कुल आबादी में 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने का अनुमान है, इन्हें कांग्रेस शासित कर्नाटक में भाजपा का पारंपरिक वोट माना जाता है.