उत्तराखण्ड निकाय चुनाव अधिसूचना पर हाईकोर्ट का सोमवार तक स्टे

नैनीताल: हाई कोर्ट ने नगर निकाय कोटद्वार में 35 ग्राम पंचायतों को शामिल करने के मामले को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि राज्य सरकार द्वारा निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है तो सोमवार तक जारी ना की जाए।कोटद्वार क्षेत्र के मवाकोट क्षेत्र की 35 ग्राम पंचायतों ने याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट के निर्देशानुसार डीएम और सरकार द्वारा आपत्तियों का निस्तारण करते हुए पांच अप्रैल को अधिसूचना जारी कर दी, जो गलत है। याचिका में संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार की आपत्तियों का निस्तारण राज्यपाल द्वारा किया जाना चाहिए, ना कि सरकार द्वारा। 

मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि विधान सभा की कार्य बंटवारा नियमावली के अनुसार सरकार, मंत्री व सचिव को सीमा विस्तार तथा सीमा में कटौती का नोटिफिकेशन जारी करने का अधिकार है। नियमावली में राज्यपाल द्वारा ही नोटिफिकेशन जारी करने का प्रावधान नहीं है, अत: सचिव, मंत्री, कैबिनेट कोई भी इसमें आदेश जारी कर सकता है। जो सर्वथा विधि अनुकूल है। 

न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद कहा कि यदि सरकार द्वारा निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की है तो सोमवार तक ना की जाए। यहां बता दें कि कोर्ट के निर्देशानुसार सरकार को अंतिम परिसीमन की अधिसूचना 23 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपनी है।

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