सजा सुनकर रो पड़े आसाराम, सीने में दर्द की शिकायत

नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहींं, सह आरोपी उसके छिंदवाड़ा स्थित आश्रम की वॉर्डन शिल्पी और सेवादार शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में दो सह आरोपियों शिवा व प्रकाश को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने आसाराम पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जोधपुर एससी, एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम और दो सह आरोपितों शिल्पी व शरद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। सजा सुनते ही आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा और हाथ जोड़कर जज से उम्र का लिहाज रखते हुए सजा में कमी करने का आग्रह किया। जोर-जोर से रोते हुए आसाराम ने सीने में दर्द की शिकायत की। आसाराम की तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर एम्स के चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।
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56 माह पुराने इस मामले में आसाराम को सजा सुनाने के लिए पुलिस के आग्रह पर बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में बैरक नंबर 2 के पास विशेष कोर्ट लगाई गई। एससी,एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा फैसला सुनाने के लिए सुबह करीब 9 बजे ही जेल पहंच गए। जेल में कोर्ट के स्टाफ,आसाराम के 14 वकीलों और 2 सरकारी वकीलों सहित कुल 30 लोगों को ही प्रवेश दिया गया। जज ने पहले तो आसाराम और दो सह आरोपियों शिल्पी एवं शरद को दोषी करार दिया और फिर दो अन्य सह आरोपितों प्रकाश एवं शिवा को सबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया। इसके बाद जज आसाराम, शिल्पी और शरद का फैसला लिखवाया।