संतुलित आहार से पाएं स्वस्थ जीवनशैली, कम होगा पुरानी बीमारियों का जोखिम

धनवन्तरि जयन्ती समारोह के उपलक्ष्य में व्याख्यान संगोष्ठी आयोजित

लखनऊ : उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा धनवन्तरि जयन्ती समारोह के उपलक्ष्य में व्याख्यान संगोष्ठी का आयोजन इन्दिरा नगर स्थित द्वितीय कार्यालय में किया गया। व्याख्यान संगोष्ठी में मंच पर उपस्थित अतिथियों एवं संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डालते हुए श्रोताओं बताया कि एक संतुलित आहार बनाए रखते हुए और शरीर द्वारा आवश्यक सभी पोषक तत्वों को पूरा करने को ध्यान में रखते हुए एक स्वस्थ जीवन शैली प्राप्त की जा सकती है। एक उचित आहार योजना शरीर के आदर्श वजन को प्राप्त करने और मधुमेह, हृदय और अन्य प्रकार के कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करती है। आहार के विकल्पों के चयन के लिए एक विस्तृत विविधता प्रत्येक पाँच खाद्य समूहों में बताए गए मात्रा में से होना चाहिए। प्रत्येक खाद्य समूह के ये खाद्य स्रोत शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रमुख मिक्रो और मैक्रो-पोषक तत्वों की एक समान मात्रा प्रदान करते हैं।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित होम्योपैथी के डाक्टर राजीव गुप्ता ने कहा कि रोग के अनुसार खानपान का ध्यान रखना चाहिए। पेट खराब होना हर ऋतु में हो सकता है ऐसी स्थिति में गर्म तली भुनी मसालेदार तीखा भोजन नहीं करना चाहिए, गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित आयुर्वेद के डा. जेएन पाण्डेय ने कहा कि ऋतु तथा मौसम के अनुसार आहार विहार करना चाहिए। गीता के में युक्ताहार विहार, युक्त चेष्ठा सोना, जगना स्वास्थ्य का मूल मंत्र है। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित फिजियोलॉजी एण्ड बायोकेमेस्ट्री नेशनल होम्योपैथी मेडिकल कालेज लखनऊ के डा. राजकुमार जायसवाल एवं होम्योपैथी के डा. अवधेश द्विवेदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जगदानन्द झा प्र0 अधिकारी ने किया तथा कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिनेश कुमार मिश्र व0प्र0 अधिकारी ने किया। कार्यक्रम में उप्र संस्कृत संस्थान के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

Back to top button