हॉन्टेड विलेज “कुलधरा” – एक श्राप के कारण 170 सालों से हैं वीरान 

अब तक हम आपको भुतहा घर, भुतहा किले, भुतहा आइलैंड, भुतहा म्यूज़ियम आदि के बारे में बता चुके है। आज हम आपको एक भूतिहा गुड़ियाँ (हॉन्टेड डॉल) की रियल स्टोरी बताएँगे, जिस पर कि 2013 में एक ब्लॉकबस्टर मुवी ‘दा कंज्युरिन्ग’ ( The Conjuring) बन चुकी है। यह कहानी है तीन फ्रेंड्स कि जिन्हे यह हन्टेड डॉल ईतना आतंकित कर देती है कि उन्हे उससे मुक्ति पाने के लिए पेशेवर पैरानॉर्मल इंवेस्टीगेटर्स एड और लॉरेन वारेन से मदद लेनी पड़ती है। यह डॉल आज भी वारेन के ओकलट म्यूज़ियम ( Warren’s Occult Museum) में , शीशे के शोकेस मे रखी है। शोकेस के ऊपर इसे ना खोलने कि चेतावनी भी लिखी हुई है। एड और लॉरेन वारेन के अनुसार इस डॉल की शैतानी ताकते अभी भी जिन्दा है यदि इसे अभिमंत्रित बॉक्स से बाहर निकाला तो ये फिर से सक्रीय हो जाएंगी। उनके अनुसार इस डॉल को बॉक्स में बंद करने के बाद भी यह एक इंसान कि मौत के लिए ज़िम्मेदार है।

ओकलट म्यूज़ियम में रखी हॉन्टेड डॉल

कहानी की शुरुआत

इस कहानी कि शुरुआत होती है 1970 में जब एक माँ एक हॉबी स्टोर से, एन्टिक सी दिखने वाली गुड़िया लेकर आती है।  वो यह गुड़िया अपनी बेटी डोना को उसके जन्मदिन पर भेट करती है। डोना उस वक़्त नर्सिंग की पढाई कर रही थी तथा एक अपार्टमेंट में अपनी फ्रेंड अनंगी के साथ रहती थी। डोना अपनी माँ द्वारा दी गई डॉल को अपने बेड पर एक कोने में सज़ा देती है। कुछ ही दिनों में  डोना और उसकी फ्रेंड् को उस डॉल के बारे मे कुछ अजीब सा, डरावना सा अनुभव होने लगता है। वो  नोटिस करते है की गुड़िया अपने आप मूव करती है। शुरू में तो यह मूवमेंट बहुत मामुली होते है  जैसे की डॉल का एक ही जगह घूम जाना। पर जैसे -जैसे दिन बितते है यह मुवमेंट बढ़ता जाता है।  अब हालात यह हो जाते है की जब वो  कॉलेज से घर आते है तो डॉल कभी तो उनको दूसरे कमरे मे, कभी सोफे पे और कभी कुर्सी पर मिलती है। यहाँ तक की कमरा बंद होने के बावजूद डॉल अपनी जगह बदल लेती है।

चमड़े के कागज़ पर मिलते है संदेश

डॉल को लाने के एक महीने के बाद हालात और भी पेचीदा होने लगते है।  अब उन्हें कमरो में कागज़ पर लिखे सन्देश मिलने लगते है।  कागज़ पर ‘Help Me’ लिखा होता था तथा राइटिंग छोटे बच्चे की जैसी थी। उसमे भी आश्चर्य की बात यह की मैसेज चमड़े के कागज़ पर लिखे होते थे जो की उस घर में थे ही नहीं।

नज़र आते है खून के धब्बे

एक रात वो सब जब घर आते है तो उन्हें डॉल की पीठ और सीने पर खून की बुँदे नज़र आती है। अब उनका धेर्ये जवाब दे जाता है।  उन्हें लगता है की इस डॉल में किसी की आत्मा है और वो आत्माओं से बात करने वाले एक इंसान  को मदद के लिए बुलाते है। वो व्यक्ति उस गुड़िया कि आत्मा से बात करके पता लगाता है कि उसमे एक बच्ची एनाबेल की आत्मा है जो की अपने बचपन में उसी जगह खेला करती थी जहा आज वो अपार्टमेंट बना हुआ है और सात साल की उम्र में उस लड़की की लाश भी उसी जगह मिलती है। वो कहती है की उसे डोना का साथ अच्छा लगता है और वो उसके साथ ही रहना चाहती है। डोना भी उसे रहने की इज़ाज़त दे देती है पर शीघ्र ही डोना को महसूस होता ही की उसने उस आदमी कि बातो पर विश्वास करके बहुत बड़ी गलती कर दी क्योकि उस डॉल में किसी बच्ची की आत्मा ना होकर कोई शैतानी आत्मा है।

लॉरेन वॉरेन के साथ हॉन्टेड डॉल

हॉन्टेड डॉल, लू पर करती है जानलेवा हमला 

उस घर में उन दोनों के साथ लू भी रहता था जो की उस गुड़िया को शुरू से ही पसंद नही करती था । उसने डोना को कई बार कहा था की इस डॉल में बुरी आत्मा है तुम्हे इसे फेक देना चाहिए। पर डोना उसकी बात पर ध्यान नही देती थी। बच्ची की आत्मा से बात करने के कुछ दिन बाद ही एक दिन सुबह उठकर लू ने बताया कि कल रात डॉल ने उसका गला दबाकर मारने की कोशिश की। डोना को लगता है की लू ने रात को कोई डरावना सपना देख लिया है। लेकिन उस दिन दोपहर को ऐसी घटना घटी है जिससे सब के होश उड़ जाते है। होता यूँ है की दोपहर को लू और अनंगी बैठ कर बाते  कर रहे होते है तभी उन्हें डोना के कमरे से भयंकर चीखे सुनाई देती है, जबकि डोना तो घर पर होती नही है।  वो दोनों डरते डरते डोना के कमरे में पहुँचते है। जब वो अंदर पहुँचते है तो वहाँ उन्हें डॉल के अलावा कोई नज़र नहीं आता है।  डॉल लू को देखते ही उस पर हमला कर देती है वो उसकी शर्ट फाड़ देती है और उसके शरीर पर जगह जगह घाव कर देती है। इस हमले से घबराया लू सदमे में चला जाता  है।

एडवर्ड वॉरेन का ऑफिस
एडवर्ड वॉरेन का ऑफिस

पैरानॉर्मल इन्वेस्टीगेशन 

लू पर हुए हमले से डोना को विश्वास हो जाता है की इस गुड़िया में कोई बच्ची की नहीं बल्कि एक शैतानी आत्मा है, यह गुड़िया शापित है। अब डोना मदद के लिए एक बिशप ‘फादर हेगन’ से मिलती है। फादर हेगन को यह सब शापित आत्मा का मामला लगता है।  इसलिए वो डोना को अपने सीनियर ‘फादर कुक’ के पास भेज देते है जो की इन्वेस्टीगेशन के लिए पैरानॉर्मल एक्सपर्ट वारेन दंपती (एडवर्ड वॉरेन और लॉरेन रीटा वॉरेन) को बुलाते है। वारेन दम्पति , तीनो फ्रेंड्स से बात करके और एक सप्ताह तक उस डॉल के व्यवहार का अध्ययन करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचते है की गुड़िया में वास्तव में कोई शैतानी आत्मा है जो की डोना के शरीर में कब्ज़ा करना चाहती है। इसकी शरुआत वो इनका ध्यान अपनी और आकर्षित करके करती है।  इसके लिए वो पहले जगह बदलती है, फिर हैंड नोट लिखती है अंत में अपने ऊपर ब्लड लगाती है। जब वो एक आत्माओं से बात करने वाले को बुलाते है तो यह झुठ बोलकर की वो एक बच्ची की आत्मा है और किसी को नुकसान नही पहुंचाएगी, घर में रुक जाती है। लेकिन वो इस काम से नाराज़ हो जाती है और लू , जो की उसे बिल्कुल भी पसंद नही करता था, के ऊपर जानलेवा हमला करती है। वारेन के अनुसार वो  आत्मा अब कुछ ही दिनों में डोना के शरीर  कब्ज़ा करने वाली थी।

लॉरेन वॉरेन, ओकलट म्यूज़ियम में
लॉरेन वॉरेन, ओकलट म्यूज़ियम में

हॉन्टेड डॉल का ओकलट म्यूज़ियम पहुचना 

उस घर को शापित आत्मा से मुक्त करने के लिए वारेन, फादर कूक द्वारा वहा एक अभिमंत्रित क्रिया करवाते है तथा उस शापित गुड़िया को अपने साथ ले जाते है। लेकिन शीघ्र ही उसे महसूस होता है की इस डॉल की शैतानी ताकत बहुत ज्यादा है क्योकि वो जब उस डॉल को अपनी गाडी में रखकर रवाना होते है तो उस गाडी के पॉवर ब्रेक और स्टेरिंग, मोड़ पर काम करना बंद कर देते है जिससे की गाडी इधर उधर टकरा जाती है। वो समझ जाते है ये सब इस डॉल की शैतानी ताकत के कारण हो रहा है। वो अपनी गाडी को रोकते है और उस गुड़िया पर अभिमंत्रित जल छिड़कते है।  उसके बाद वो गुड़िया शांत होती है और वारेन सकुशल घर पहुंचते है।
वो उस डॉल को अपने ऑफिस में रख देते है।  एक दो दिन बाद ही डॉल की पुरानी हरकते फिर शुरू हो जाती है। वारेन जाते हुए उसे एक कमरे में बंद करके जाते है पर वो आते है तो वो कभी उन्हें सीढ़ियों में तो कभी दूसरे कमरे में मिलती है। इसी बीच एक और घटना घटती है। एक बार फादर जैसन ब्रॅडफ्रेड, वारेन से मिलने उनके ऑफिस आते है तो वो उस डॉल को उठा के कहते है की ये सिर्फ एक डॉल है ये किसी को कुछ नुक्सान नही पहुंचा सकती है। लेकिन जब फादर वहा से लौटते है तो रास्ते में ही उनका मेजर एक्सीडेंट हो जाता है और वो घायल हो जाते है।

'दा कंज्युरिन्ग' फिल्म का पोस्टर
‘दा कंज्युरिन्ग’ फिल्म का पोस्टर

इसके बाद वारेन एक अभिमंत्रित बॉक्स बनाकर, डॉल को उसमे रखकर, अपने म्यूज़ियम में रख देते है। उसमे रखने के बाद उस डॉल में फिर मूवमेंट नही दिखाई देता है। हालांकि वारेन इसके बाद भी उसे एक और मौत के लिए ज़िम्मेदार मानते है। वो बताते है की एक बार एक नौजवान अपनी गर्लफ्रेंड के साथ म्यूज़ियम देखने आया था।  उन्होंने जब उसे उस डॉल की कहानी सुनाई तो वो शोकेस के पास जाकर उस डॉल का मज़ाक बनाने लगा। उसने कहा की ये डॉल यदि किसी इंसान के शरीर पर घाव बना सकती है तो मैं भी ऐसा ही चाहूँगा। वारेन उन्हें ऐसा करने से मना करते है और उन्हें अपने  बाहर कर देते है। बाद में उन्हें पता पड़ता है की  म्यूज़ियम से निकलने के कुछ देर बाद ही उस लड़के की रोड एक्सीडेंट में मौत हो जाती है और लड़की घायल होकर अस्पताल पहुंचती है जहां की वो साल भर रहती है। वारेन उस लड़की से हॉस्पिटल में मिलने जाते है और पूंछते है की क्या हुआ ?  तो वो कहती है वो दोनों उस डॉल का मज़ाक बनाते हुए बाइक से जा रहे थे की अचानक वो अपना बाइक से कंट्रोल खो देते है और पेड़ से टकरा जाते है। वारेन का कहना था “आप को शैतान को चैलेंज नहीं करना चाहिए क्योकि कोई भी इंसान उनसे ज्यादा शक्तिशाली नही होता है।”

कौन हैं एड और लॉरेन वॉरेन?

एडवर्ड वॉरेन और लॉरेन रीटा वॉरेन
एडवर्ड वॉरेन और लॉरेन रीटा वॉरेन

एडवर्ड वॉरेन और लॉरेन रीटा वॉरेन अमेरिकी पैरानॉर्मल एक्टिविटीज इन्वेस्टिगेटर्स थे। इन्होंने कई भुतहा मामले सुलझाए हैं। इनमें से ही एक एनाबेले डॉल केस था। एड और लॉरेन वॉरेन द्वारा सुलझाए गए कई घटनाक्रमों पर फिल्में भी बन चुकी है। एडवर्ड, द्वितीय विश्व युद्ध के अमेरिकी नौसेना के पूर्व अधिकारी थे। उनकी पत्नी लॉरेन पेशेवर पैरानॉर्मल एक्सपर्ट थीं और वो अपने पति एडवर्ड को उनके कामों में सहयोग करती थीं। 1952 एडवर्ड ने मानसिक अनुसंधान के लिए न्यू इंग्लैंड सोसाइटी की स्थापना की। इसके बाद द वॉरेंस ऑकल्ट म्यूजिम भी खोला। दोनों का दावा था कि उन्होंने अपने करियर के दौरान लगभग 10,000 भुतहा मामले सुलझाए थे। एडवर्ड वॉरेन की 2006 में मृत्यु हो चुकी है।

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