हाथरस गैंगरेप: अपराधियों से​ जेल मिलने पहुंचे बीजेपी सांसद राजवीर सिंह, जेलर ने बैरंग किया वापस

नई दिल्ली। जैसा कि आप सभी जानते हैं​ कि यूपी में गैंगरेप के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, हाथरस गैंगरेप मामले में सियासत की गलियों में कोहराम मचा हुआ है। स्थानीय बीजेपी सांसद राजवीर सिंह दिलेर रविवार को आरोपियों से मिलने के लिए जेल गए थे। लेकिन जेलर के कमरे से ही उन्हें बैरंग लौटा दिया गया है। जेल प्रशासन ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी, हालांकि, हाथरस के सांसद राजवीर दिलेर ने आरोपियों से मुलाकात करने की कोशिश का खंडन किया है।

हाथरस के सांसद राजवीर दिलेर ने कहा कि वह जेल गए थे, लेकिन किसी कैदी से वहां पर मुलाकात नहीं की, क्षेत्र की जनता के काम से एसएसपी आवास गया था और मुझे पता चला कि एसएसपी क्वारनटीन हैं। उनको कोरोना हो गया है। जब मैं वहां से वापस आ रहा था तो रास्ते में जेल पड़ती है। कुछ लोग जेल के गेट के सामने खड़े हुए थे। वह मुझसे बात करने लगे।

बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर के मुताबिक, तभी जेलर जेल के बाहर निकले और वो मेरे पास आ गए और खड़े होने के बाद उन्होंने आग्रह किया कि सांसद जी चाय पी लीजिए। तो मैं उनके साथ चला गया। मैंने एक कैदी के बारे में उनसे बात की थी। उसका आचरण सही है। महामहिम राष्ट्रपति को उसके बारे में लेटर भिजवा दीजिए, मैं फिर अपने घर आ गया।

बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर ने कहा कि मैं जेल में किसी भी हाथरस मामले के आरोपी से नहीं मिला। हाथरस मामले से मेरा जेल जाने को जोड़ना यह ठीक नहीं है। मेरी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई। ये मेरी राजनीति को खराब करने वाली बात है। मेरा इन सब चीजों से कोई लेना देना नहीं है। मैं जेल में किसी आरोपी से मिलने नहीं गया।

यूपी सरकार ने किया ये दावा

इस बीच हाथरस गैंगरेप पीड़िता की इंसाफ की लड़ाई पर यूपी सरकार ने बड़ा दावा किया है। सरकार के मुताबिक हाथरस में पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मुहिम के नाम पर कुछ लोगों ने बड़ी साजिश रची थी। इस दावे के पीछे जस्टिस फॉर हाथरस नाम की वेबसाइट है। आरोप है कि इस बेवसाइट का मकसद ही यूपी में जातीय दंगे कराकर योगी और मोदी को बदनाम करना था।

यूपी सरकार के दावे के मुताबिक, एंटी सीएए विरोध प्रदर्शन की तर्ज पर इस मुद्दे को फैलाने की साजिश थी। वेबसाइट के जो स्क्रीन शाट्स सामने आए हैं, जिसमें साफ लिखा है कि दंगा कैसे करना है। दंगे से कैसे बचना है। कहां दंगा भड़काना है। पूरी जानकारी दी गई है।

यूपी सरकार ने दावा किया कि विरोध प्रदर्शन की आड़ में चेहरे पर मास्क लगाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश भी रची गई थी। इन सबके पीछे पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों का हाथ होने का शक जताया जा रहा है। जब जांच एजेंसियों की नजर इस वेबसाइट पर पड़ी तो रातों रात वेबसाइट बंद हो गई।

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