हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इन अफसरों को दी कड़ी चेतावनी, कहा- डर्टी गेम बंद करें अधिकारी

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज राज्‍य के कुछ अधिकारियों के नाम लिए बिना उनको कड़ चेतावनी दी है। वह ऐसे तमाम अधिकारियों के प्रति कड़क हो गए हैं, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके बीच आपसी खींचतान मानकर काम नहीं कर रहे हैं। इन अधिकारियों में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के साथ-साथ अनिल विज के स्वयं के विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे तमाम अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए अनिल विज ने उन्हें खुली चेतावनी दी है कि यदि यह डर्टी गेम (गंदा खेल) खेलना बंद नहीं किया तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

 हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अधिकारियों के प्रति कड़क तेवर

अनिल विज ने अधिकारियों द्वारा खेले जा रहे इस डर्टी गेम को आधार बनाकर एक ट्वीट के जरिये अपने दिल की पीड़ा और नाराजगी जाहिर की है। बुधवार को विज ने यह ट्वीट किया और देखते ही देखते इंटरनेट मीडिया पर यह खूब वायरल हो गया। अनिल विज के इस ट्वीट के हर किसी ने अपने ढंग से मतलब निकाले।

 

विज ने अंग्रेजी में किए अपने इस ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कार्यों में इस प्रकार बाधा डाल रहे हैं कि मानो मैं और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरुद्ध हों। वे पूरी तरह गलत हैं। मैं और माननीय मुख्यमंत्री जी अच्छे दोस्त हैं। यह गंदा खेल खेलने वाले अधिकारियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

 अनिल विज का आरोप, सीएम और मेरे बीच खींचतान मानकर काम नहीं कर रहे अधिकारी

अनिल विज के इस ट्वीट पर मुख्यमंत्री कार्यालय और उनके विभागों के अधिकारियों में खलबली का माहौल है। अनिल विज पिछले काफी लंबे समय से अधिकारियों द्वारा काम नहीं किए जाने तथा जरूरी फाइलें रोक लिए जाने की पी़ड़ा झेल रहे हैं। उन्होंने इस पीड़ा को अभी तक किसी सार्वजनिक मंच पर जाहिर नहीं किया था। पिछले दिनों वह दो बार दिल्ली के दौरे पर गए। उनकी गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात हुई। प्रदेश में मनोज यादव के स्थान पर नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति का मामला भी चल रहा है। नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति 31 जुलाई तक होनी है।

 गृहमंत्री ने कहा सीएम को खुश करने के लिए मेरे कामों में बाधा डालना बंद करे अफसर

अनिल विज के पास गृह, स्वास्थ्य, आयुष, शहरी और तकनीकी शिक्षा एवं विज्ञान विभाग हैं। उन्होंने नए डीजीपी के नाम पर चर्चा करने के अलावा केंद्रीय नेताओं को अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण और मुख्यमंत्री व उनके पैदा की जा रही खींचतान के रवैये से भी अवगत कराया। खुद मुख्यमंत्री के साथ उनकी इस विषय पर बातचीत हो चुकी है। अधिकारियों के रवैये में सुधार नहीं होने पर अब विज ने सीधे ट्वीट कर न केवल जनता को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया, बल्कि अधिकारियों को भी सीधे निशाने पर ले लिया है। विज के इस ट्वीट के बाद उन मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की पीड़ा भी बाहर निकल सकती है, जो अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये से आहत हैं।

अपने ही विभाग के अफसरों से ज्यादा परेशान विज

गृह मंत्री अनिल विज सबसे ज्यादा दुखी अपने विभाग के अधिकारियों से ही हैं। स्वास्थ्य विभाग से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा पिछले काफी लंबे समय से गृह सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी देख रहे हैं। विज के मुताबिक अरोड़ा न तो गृह विभाग के कामकाज के साथ न्याय कर पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग के काम को गति मिल पा रही है। उनके द्वारा फाइलें रोके जाने से विज खासे आहत और गुस्से में हैं। इस बात को लेकर विज ने पिछले दिनों गृह सचिव को पत्र भी लिखा था, जिसके बाद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया।

पुलिस अधीक्षकों की ढीली कार्रवाई भी अखर रही

अनिल विज ने तीन दिन पहले ही एक दूसरा पत्र गृह सचिव राजीव अरोड़ा को लिखा है। इस पत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों की जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में खासतौर से कुरुक्षेत्र पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि विज करीब एक दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षकों की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं।

विज ने गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा कि उनके पास सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस की पहुंचती हैं। उनके कार्यालय के द्वारा जो शिकायतें कार्रवाई के लिए जिला पुलिस को भेजी जाती हैं, उनका निवारण नहीं होता। नतीजतन लोग घूम-फिरकर बार-बार यही बताने उनके पास आते हैं कि समस्या का समाधान नहीं हुआ है। विज सबसे ज्यादा नाराज कुरुक्षेत्र के जिला पुलिस अधीक्षक से हैं। कुरुक्षेत्र जिला पुलिस को विज ने करीब एक हजार शिकायतें समस्या के समाधान के लिए भेजी, लेकिन अधिकतर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

राजीव अरोड़ा और मनोज यादव से नाराजगी की यह वजह

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का पहले भी कई अधिकारियों के साथ पंगा रह चुका है। हाल फिलहाल उनकी गृह सचिव राजीव अरोड़ा के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के साथ ठनी हुई है। विज के स्टैंड लेने पर ही मनोज यादव को हरियाणा में प्रतिनियुक्ति के दो साल पूरे करने के बाद वापस केंद्र में जाना पड़ रहा है। राजीव अरो़ड़ा पर फाइलें रोकने के लिखित आरोप विज पहले ही लगा चुके हैं।

मनोज यादव से नाराजगी की वजह उनके द्वारा किसान संगठनों के आंदोलन को नियंत्रित नहीं कर पाना बताया गया है। राजीव अरोड़ा ने कोरोना से बचाव के लिए बिना विज की जानकारी या अनुमति के राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया था। टास्क फोर्स बनाने की मांग पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने की थी। डायल 112 के लिए आई गाड़ियां भी जब कोरोना काल में जिलों में भेजने में आनाकानी की गई तो विज नाराज हो गए थे।

 

सीएमओ की अनदेखी से भी बढ़ी नाराजगी

अनिल विज मनोहर कैबिनेट में सबसे सीनियर मंत्री हैं। उन्हें इस बात का भी दुख है कि अहम फैसलों में उन्हें साझीदार नहीं बनाया जाता। जिलों में पुलिस अधीक्षकों व उपाधीक्षकों की नियुक्ति से लेकर शहरी निकाय, गृह और स्वास्थ्य विभाग में होने वाले ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी विज अनदेखी का आरोप लगाते हैं। अनिल विज के समर्थकों का मानना है कि पहले तो अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा उनकी फाइलें नहीं निकाली जाती। यदि वह निकलवा भी ली जाएं तो उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में रोक लिया जाता है।

 

इन अधिकारियों से रहा अनिल विज का विवाद

अनिल विज का अब तक करीब एक दर्जन अधिकारियों के साथ विवाद हो चुका है। इनमें राजीव अरोड़ा और मनोज यादव के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात रह चुके वी उमाशंकर, डा. राकेश गुप्ता, एडीजीपी एएस चावला, शत्रुजीत कपूर, एसएन राय, शेखर विद्यार्थी, प्रतिभा गोदारा और संगीता कालिया प्रमुख हैं।

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