तो इसलिए ब्रिटेन में फांसी की रस्सी के टुकड़े कर महंगे दामों में बेचते थे जल्लाद, जरुर जान ले इसके पीछे का ये बड़ा कारण…

निर्मम कृत्य करने वालों को मृत्युदंड के रूप में फांसी की सजा दी जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फांसी देने के बाद रस्सी का क्या किया जाता हैं। जिस फांसी के फंदे से दोषियों को लटकाया जाता हैं भारत में उसे आमतौर पर जला दिया जाता हैं। लेकिन अन्य देशों में इस रस्सी से जुड़े कुछ अंधविश्वास जुड़े हैं जो बेहद हैरान करने वाले हैं। ब्रिटेन में तो फांसी में इस्तेमाल की गई रस्सी को सौभाग्य लेन वाली बताया गया हैं।

दरअसल, ब्रिटेन में जब फांसी दी जाती थी तो इस रस्सी को जल्लाद को दे दिया जाता था। लेकिन इसके बाद यह अंधविश्वास लोगों में फैल गया कि अगर इस रस्सी के टुकड़े को घर पर रखें या फिर इसके एक टुकड़े का लॉकेट पहनें तो इससे किस्मत पलट सकती है। इतिहास में इस बात का उल्लेख भी मिलता है कि ब्रिटेन में जल्लाद इन रस्सी के टुकड़े करके उसे बेच देते थे और लोग खुशी-खुशी उन्हें खरीदते थे। हालांकि, साल 1965 में ब्रिटेन में फांसी पर रोक लगा दी गई।

इतना ही नहीं जब ब्रिटेन में फरसे से धड़ और सिर को अलग करके मौत की सजा दी जाती थी, तो उस समय लोगों में यह अंधविश्वास था कि अगर मृत्युदंड पाए शख्स के शरीर के अंग रखे जाएं, तो इससे ना केवल आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं, बल्कि ये सौभाग्य भी लाता है। जब किसी को ये सजा दी जाती थी, तो अपने घरों से ऐसे कपड़े लाते थे, जिससे वो इन कपड़ों को खून में डूबो सकें। लोगों का ये विश्वास था कि इस कपड़े को घर में रखने से भाग्य बेहतर काम करेगा।

हालांकि, ये अंधविश्वास दुनियाभर के कई देशों में प्रचलित थे। फ्रांस में जल्लाद इस खून को ऊंचे दामों में बेच देते थे, जबकि चीन में इस खून को इकट्ठा किया जाता था और इसका इस्तेमाल औषधियों में किया जाता था। ब्रिटेन की पब्लिक इंटरेस्ट ला जनरल में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। ब्रिटेन और यूरोप के देशों में एक अंधविश्वास ये भी था कि अगर कोई फांसी के इस्तेमाल किए जा चुके फंदे को छू ले तो त्वचा, पेट और गले की कई बीमारियों से उसे छुटकारा मिल सकता है।

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