CWG 2018: भारत को गुरुराजा ने दिलाया पहला पदक, जीता सिल्वर

21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की अच्छी शुरुआत हुई है। आयोजन के पहले ही दिन भारत की झोली में सिल्वर पदक आ गया है। वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने 56 किलोग्राम कैटेगरी में 249 किग्रा वजन उठाया। वहीं मलेशिया के मोहम्मद एएच इजहार अहमद ने गोल्ड अपने नाम किया। श्रीलंका के चतुरंगा लकमल को कांस्य से संतोष करना पड़ा।

यह पहला मौका नहीं है जब गुरुराजा ने अपना दमखम दिखाया हो। इससे पहले 2016 साउथ एशियन गेम्स में उन्होंने गोल्ड जीता था। वहीं, इस साल पेनांग में कॉमनवेल्थ सीनियर वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भी गोल्ड का कब्जा किया था।

गरीब परिवार से है ताल्लुक

गुरुराजा बेहद गरीब और सामान्य परिवार से हैं। बताया जाता है कि उनके परिवार ट्रक चलाते हैं। कर्नाटक के रहने वाले गुरुराजा ने 2010 में वेटलिफ्टिंग में करियर की शुरुआत की थी। काफी संघर्ष के बाद वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

इससे पहले भारतीय समयानुसार बुधवार शाम को 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का रंगारंग आगाज हुआ। शुभारंभ समारोह में ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति की झलक नजर आई। मूसलाधार बारिश के बीच हुए समारोह में खिलाड़‍ियों के मार्चपास्ट में ओलिंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने भारतीय दल की अगुवाई की। प्रिंस चार्ल्स ने खेलों के शुभारंभ की घोषणा की।

समारोह की शुरुआत में ही साईबाई आईलैंड ईगल डांस ने समां बांध दिया। आदिवासी वेशभूषा में सजे डांसर्स के इस नृत्य से ऑस्‍ट्रेलिया के मूल निवासियों के परंपरागत लोकनृत्‍य की झलक मिली।जहां अलग-अलग देशों की टीमों ने मार्च पास्ट किया, वहीं रंगीन आतिशबाजी से समां बंध गया।

भारतीय दल की अगुवाई बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने की। हाथ में तिरंगा थामे सिंधु 218 सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रही थीं। इस बीच गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स कॉरपोरेशन के चेयरमैन पीटर बेटी ने भी स्वागत भाषण दिया। इससे पहले मूसलाधार बारिश के बीच ओपनिंग सेरेमनी शुरू हुई। पूरा स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा था। उद्घाटन समारोह में ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति की झलक साफ दिखी। उद्घाटन समारोह का थीम ‘हैलो अर्थ’ रखा गया है और इसी के साथ नीले रंग के फायरवर्क्स के अधिकारिक रूप से समारोह का उद्घाटन हुआ।ऑस्ट्रेलियन डिफेंस फोर्स के सदस्यों द्वारा ऑस्ट्रेलिया, टोरेस स्ट्रेट आइलन्डर का ध्वज फहराया गया।

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मंच पर ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स और ऑस्ट्रेलिया के पीएम टर्नबुल भी मौजदू रहे। सबसे पहले स्कॉटलैंड की टीम आई, जो 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ की मेजबान थी। वहीं सबसे आखिरी में मेजबान ऑस्ट्रेलिया का दल आया। अपनी टीम के खिलाड़ियों को देखकर पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। स्थानीय कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुति ने दुनिया भर के खेलप्रेमियों का दिल जीत लिया।

इन खेलों का आयोजन 15 अप्रैल तक होना है। इसमें 53 देशों के एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। । इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में कुल 275 इवेंट्स होने हैं, जिसमें 6500 ऐथलीट्स हिस्सा लेंगे। भारत समेत कुल 71 देश कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भागीदारी कर रहे हैं। कुल 18 खेल होने हैं, जिसमें से भारत 14 में भाग ले रहा है।

खेलों के इस महोत्सव में इस बार निशानेबाजी, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, हॉकी और एथलेटिक्स में भारतीय दल को पदक का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। पिछले तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत 215 मेडल जीत चुका है। 2006 में 50, 2010 में 101 और 2014 में 64 मेडल भारत की झोली में आए थे।

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