गुजरात: 3 वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी को कोर्ट ने दी फंसी की सजा

गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत में तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के दोषी को शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई। शहर के लिंबायत क्षेत्र में पिछले साल अक्टूबर में मासूम के साथ दरिंदगी की घटना सामने आई थी। पुलिस ने इस मामले में बिहार के अनिल यादव को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट की बेंच ने फैसले में घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर करार दिया है।

अपराधी साबित हुए पीपलिया गांव के रमेश बचू वेदुकिया आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ राजकोट और भावनगर पुलिस थानों हत्या, लूट, मारपीट सहित कई मामले दर्ज है। वह आटो रिक्‍शा चलाता था। दो वर्ष पूर्व 9 अगस्त 2018 के दिन उसने चुनारावाड से मध्यप्रदेश के एक दम्पति की तीन वर्ष की मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया था। इसके बाद पीटीसी मैदान ले जाकर उसने बच्ची से दुष्कर्म किया। फिर उसकी गला घोटकर हत्या कर दी। घटना के तीसरे दिन पुलिस को बच्ची का शव मिला था। आरोपित रमेश ने सात फरवरी 2018 को कृष्णापरा की अस्माबेन सादीकोट नामक 70 वर्षोय वृद्धा को रिक्शा में बैठाकर कुवाडवा रोड पर ले जाकर सोने के जेवरात लूटकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके दो दिन बाद आरोपित ने बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या की थी।

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जिला सरकारी वकील संजय वोरा ने फैसले का विवरण देते हुए बताया कि ज्यादातर ऐसे मामलों में गवाह अपना बयान बदल देते है। लेकिन इस मामले में 13 गवाहों ने घटना अपना बयान नहीं बदला है। वकील ने आरोपित को फांसी की सजा देने की मांग की।

वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने फांसी के बदले आजीवन कारावास की मांग की। दोनों तरफ की दलीलों के बाद न्यायाधीश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी.डी. ठक्कर ने एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर फांसी की सजा का फैसला दिया। सरकारी वकील संजय वोरा ने बताया कि आरोपित को फांसी की सजा होने पर वकीलों में खुशी की लहर है। सजा के एलान के बाद कोर्ट परिसर मे वकीलों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की।

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