GST: TMC करेगी बॉयकॉट, कांग्रेस को भी शिकायत – राष्ट्रपति के रहते पीएम कैसे कर सकते हैं उद्घाटन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुष्टि कर दी है कि उनकी पार्टी 30 जून की आधी रात को गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (जीएसटी) को लॉन्च करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे भव्य कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी.

GST: TMC करेगी बॉयकॉट, कांग्रेस को भी शिकायत - राष्ट्रपति के रहते पीएम कैसे कर सकते हैं उद्घाटन

उधर, कई दिन से इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचती आ रही कांग्रेस ने अब भी कार्यक्रम में शिरकत से इंकार नहीं किया है, लेकिन बुधवार को उन्होंने आमंत्रण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज की, जिसमें कहा गया है कि देश के इतिहास के सबसे बड़े कर सुधार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉन्च करेंगे. देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का कहना है कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “राष्ट्रपति की मौजूदगी में जीएसटी को प्रधानमंत्री कैसे लॉन्च कर सकते हैं…? यह कतई सही नहीं है, अस्वीकार्य है…”

संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित होने जा रहे समारोह के लिए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र में कहा गया है, “राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की गरिमामय उपस्थिति में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी के लॉन्च के अवसर पर उपस्थिति प्रार्थनीय है…”गुड्स एंड सर्विस टैक्स- के बाद आपके घर का बजट हिला देंगे ये डेली प्रॉडक्ट्स

ममता बनर्जी ने कहा कि ‘विरोध प्रकट करने’ के लिए उनकी पार्टी जीएसटी लॉन्च में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा, “जीएसटी को लागू करने के लिए की जा रही गैर-ज़रूरी जल्दबाज़ी भी केंद्र सरकार की एक और बड़ी गलती है…” मंगलवार को पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जीएसटी के लॉन्च को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि देशभर में एकल कर की ओर होने वाले बड़े बदलाव के लिए छोटे व्यापारी तैयार नहीं हैं.

अमित मित्रा ने कहा था, “हम बार-बार जीएसटी काउंसिल में कहते रहे हैं कि हम तैयार नहीं हैं… हम कह चुके हैं कि जीएसटी नेटवर्क को एक महीने मं तीन करोड़ फाइलें प्रोसेस करनी होंगी… क्या आप सोच सकते हैं…? क्या वे तैयार हैं…? हम फिर कह रहे हैं, हमें आगे खतरा नज़र आ रहा है…”

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, “वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते…” उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.

इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, “जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है…?”

केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.

डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.

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एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, “यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है…”

सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.

सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.

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