GST लागू होने के बाद विकास दर में उछाल, GDP बढ़कर हुई 6.3 फीसदी
दिखेगा जीएसटी का असर
दूसरी तिमाही में भी जीएसटी का असर दिखना संभव है। हालांकि तिमाही आधार पर जीडीपी में रिकवरी देखने को मिल सकती है। दूसरी ओर सरकार का मानना है कि नवंबर-दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन में कमी संभव है। ज्यादा रिफंड और रेट घटने से जीएसटी कलेक्शन में कमी आ सकती है।
हालांकि अक्टूबर में कच्चे तेल के उत्पादन में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है और यह सितंबर के 0.1 फीसदी से बढ़कर 0.4 फीसदी पर आ गया है।
अक्टूबर में ही बजट लक्ष्य के 96 फीसदी के पार पहुंचा राजकोषीय घाटा
केन्द्र सरकार का खर्च बढ़ने और कर वसूली घटने का असर सरकार के राजकोष पर दिखना शुरू हो गया है। चालू वित्त वर्ष के शुरूआती सात महीनों के दौरान देश का राजकोषीय घाटा -फिस्कल डेफिसिट- 525321 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
यह बजट में तय किये गए पूरे वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का 96.1 फीसदी है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 79.3 फीसदी पर था जबकि इसी साल शुरूआती छह महीनों के दौरान यह 91.9 फीसदी पर था।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले लेखा महा नियंत्रक -सीजीए- की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017-18 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान सरकार की कुल प्राप्ति 767327 करोड़ रुपये रहा। यह बजट में पूरे साल के लिए तय किये गए लक्ष्य के मुकाबले 47.9 फीसदी है।
इसमें 6.33 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व है जबकि 95151 करोड़ रुपये गैर कर राजस्व, 38559 करोड़ रुपये गैर ऋण पूंजीगत प्राप्ति और विनिवेश से 30165 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है। पिछले साल इसी अवधि में बजट लक्ष्य के मुकाबले 50.7 फीसदी राजस्व की वसूली हो गई थी। सरकार की कुल प्राप्ति में कर राजस्व एवं अन्य आमदनी जोड़ी जाती है।
इस साल अप्रैल से अगस्त के दौरान सरकार का कुल खर्च 1292648 करोड़ रुपये रहा। यह बजट में संपूर्ण वर्ष के लिए तय किये गए लक्ष्य के मुकाबले 60.2 फीसदी है। इस दौरान केन्द्रीय करों के हिस्सें के रूप में राज्य सरकारों को 3.37 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। पिछले साल शुरूआती सात महीनों में बजट लक्ष्य के मुकाबले 58.2 फीसदी बराबर रकम खर्च हुए थे।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद -जीडीपी- के 3.2 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि पिछले वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.5 फीसदी के बराबर था जो कि पूरा हुआ था।