शराबबंदी के नाम पर दलितों को परेशान करना बंद करे सरकार: जीतनराम मांझी

पटना। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से) रविवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गरीब महासम्मेलन कर रहा है। राजग से अलग होकर महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद ‘हम’ का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है। कार्यक्रम में हिन्‍दुस्‍तानी आवाम मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने केंद्र सरकार और नीतीश कुमार शब्‍दवाण चलाये। कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर लालू जी को फंसाया गया है। अारक्षण को खत्‍म करने की साजिश की जा रही है। शराबबंदी के नाम पर दलितों को परेशान करना बंद करे सरकार: जीतनराम मांझी

मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना को सार्वजनिक कर आबादी के हिसाब से आरक्षण लागू करें। यदि आवश्‍यकता हो तो इसके लिए संविधान में संशोधन किया जाये। जो लोग आरक्षण की बदौलत नौकरी पाये हैं, उन्‍हें प्रमोशन में भी आरक्षण मिले। वहीं, नीतीश पर हमला करते हुए मांझीने कहा कि हम शराबबंदी कानून का विरोध नहीं करते हैं। लेकिन इसके बहाने गरीबों और दलितों को जेल भेजा जा रहा है, वह गलत है। सीएम सभी मंत्रियो, विधायकों और आइएएस अफसरों का ब्रेथ एनालाइजर करवाएं। जांच में सच्‍चाई का पता चल जायेगा। 

उन्‍होंने कहा कि महासम्मेलन सिर्फ दलितों का नहीं है बल्कि सभी जाति एवं धर्म के गरीबों का है। अपने मुख्यमंत्री काल में लिए गए 34 निर्णयों को लागू कराना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि एनडीए में साढ़े तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम एवं कॉओर्डिनेशन कमेटी नहीं बन सकी, जबकि महागठबंधन में इस माह तक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कॉओर्डिशन कमेटी बन जाएगी। 

मांझी ने भारत बंद के दौरान तोडफ़ोड़ के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर देती तो एससी और एसटी सड़क पर नहीं उतरते। केन्द्र सरकार से आरक्षण के कोटे को बढ़ाने और राज्यसभा एवं विधान परिषद में भी आरक्षण लागू करने की मांग की।

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