सरकार ने बनाया कोरोना टेस्ट कराने का नियम, जानिए कौन और कब करा सकता है टेस्ट

भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 100 से पार हो गया है और दो लोगों की इस वायरस से मौत भी हो गई है. इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई और अब यह दुनियाभर में फैल चुका है. संक्रमण रोकने के लिए भारत सरकार ने कई फैसले लिए हैं. इस बीच सरकार ने टेस्ट के लिए नियम भी तय कर दिए हैं कि कब और कौन कोरोना वायरस का टेस्ट करा सकता है. आइए जानते हैं-

भारत सरकार के इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने 9 मार्च को कोरोना वायरस टेस्टिंग स्ट्रेटजी का ऐलान किया है. इसके तहत बताया गया है कि कौन व्यक्ति किस स्थिति में कोरोना वायरस टेस्ट करा सकता है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया है कि फिलहाल कोरोना वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है. प्रारंभिक तौर पर प्रभावित देशों का दौरा करने वाले व्यक्ति को ही इसका खतरा है. या फिर विदेशों से लौटे व्यक्ति जिनमें वायरस की पुष्टि हो चुकी है, उनके संपर्क में आने पर अन्य लोग संक्रमित हुए हैं. इसलिए हर किसी को कोरोना वायरस का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है.

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सरकार के बनाए नियम के तहत, अगर आप किसी कोरोना वायरस से उच्च प्रभावित (हाई रिस्क) देश से यात्रा कर लौटे हैं तब आपको 14 दिन घर पर आइसोलेट रहना है. अगर आपमें लक्षण दिखाई देते हैं तो ही आपका टेस्ट किया जाएगा.

दूसरी स्थिति में अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जिनमें वायरस की पुष्टि हो चुकी है, तो आपको 14 दिनों तक घर पर अलग-थलग रहना है. 14 दिनों के अंदर अगर आपमें लक्षण दिखाई देते हैं तभी आपका टेस्ट किया जाएगा.

यानी अगर आपके अंदर सर्दी-बुखार के लक्षण हैं और आप ऊपर दी हुई किसी भी स्थिति में नहीं हैं तो हॉस्पिटल जाने पर भी आपका कोरोना वायरस टेस्ट नहीं किया जाएगा. बता दें कि कोरोना वायरस की जांच के लिए भारत सरकार ने देश में 52 केंद्र बनाए हैं. अलग-अलग प्रदेशों में स्थित इन केंद्रों पर कोरोना के संक्रमण की जांच कराई जा सकती है. भारत सरकार ने कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इसके लिए लोग 011-23978046 पर संपर्क कर सकते हैं.

 

 

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