सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका, मात्र 5000 रुपये में मिल रहा है…

सोना खरीदने की चाह हर किसी की होती है. गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर भी देखा जाता है. हालांकि सोना लगातार महंगा होता जा रहा है, इसके कारण ज्यादातर लोगों की सोना खरीदने की हिम्मत नहीं हो पाती है. लेकिन अब लोग निवेश के तौर पर बाजार भाव से सस्ता सोना भी खरीद सकते हैं. लोग निवेश के तौर पर सरकार की गोल्ड स्कीम में पैसा लगा सकते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक सरकारी स्वर्ण बांड योजना 2020-21 सीरीज-9 में 28 दिसंबर 2020 से लोग निवेश कर सकते हैं. यह सीरीज एक जनवरी 2021 को बंद होगी. इसके तहत 5000 रुपये प्रति ग्राम की कीमत तय की गई है. वहीं 10 ग्राम सोने की कीमत 50 हजार रुपये होगी, जो कि सोने के बाजार भाव से कम है. बांड का मूल्य इंडियन बुनियन एंड जूलर्स एसोसएिशन के जरिए प्रकाशित सरल औसत बंद मूल्य पर आधारित है. इसमें मूल्य तय करने के लिए 999 शुद्धता वाले सोने के आवेदन अवधि के पिछले सप्ताह के तीन कारोबारी दिवस के औसत मूल्य को लिया जाता है. इस मामले में कारोबारी दिवस 22 से 24 दिसंबर है.

ऑनलाइन पेमेंट करने वालों को छूट

आरबीआई के मुताबिक सरकार ने केंद्रीय बैंक के साथ विचार-विमर्श कर ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का निर्णय किया है. इससे पहले सीरीज-8 के स्वर्ण बांड की कीमत 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी. यह आवेदन के लिए 9 नवंबर को खुला था और 13 नवंबर को बंद हुआ था. आरबीआई सरकारी स्वर्ण बांड 2020-21 भारत सरकार की तरफ से जारी कर रही है.

कितने साल तक कर सकते हैं निवेश?

इस बांड के तहत निवेशक एक ग्राम के गुणक में निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेश की अवधि आठ साल है. पाचवें साल से योजना से ब्याज भुगतान की तारीख से बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध है. बांड की बिक्री व्यक्तिगत रूप से यहां के निवासियों, हिंदु अविभाजित परिवार, न्यास, विश्विविद्यालय और परमार्थ संस्थानों को ही की जाएगी. इसमें व्यक्तिगत रूप से और हिंदु अविभाजित परिवार प्रति वित्त वर्ष न्यूनतम एक ग्राम सोने और अधिकतम चार किलो सोने के लिए निवेश कर सकते हैं.

कौन करेगा बिक्री?

इसके अलावा न्यास और इस प्रकार की अन्य इकाइयां प्रति वर्ष 20 किलो सोने में निवेश कर सकते है. स्वर्ण बांड की बिक्री बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, मनोनीत डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) के जरिए की जाएगी.

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