भगवान नहीं हैं बताने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का हुआ निधन

स्टीफन हॉकिंग अब नहीं रहे, लेकिन जब-तक जिंदा रहे उनकी गिनती धरती के सबसे स्मार्ट व्यक्तियों में होती रही। वह विश्व प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी और कॉस्मोलॉजिस्ट रहे, जिन्होंने कॉस्मोलॉजी, क्वांटम फिजिक्स, ब्लैक होल और स्पेस-टाइम की प्रकृति के क्षेत्र में अपने काम के लिए कई सम्मान प्राप्त किए।

हॉकिंग का मानना है कि ब्रह्मांड के लिए एक भव्य डिजाइन है, लेकिन इसका भगवान से कोई लेना देना नहीं है। विज्ञान ‘The Theory of Everything’ के करीब आ रहा है और जब ऐसा होता है तो हम भव्य डिजाइन को जान जाएंगे। ऐसे में जब स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि भगवान का अस्तित्व नहीं है और मैं ‘नास्तिक’ हूं, तो दुनिया ने उनकी बात को संज्ञान में लिया।

हॉकिंग ने 2014 में स्पैनिश भाषा के समाचार पत्र एल मुंडो के पत्रकार पाब्लो जरुगुई को दिए साक्षात्कार में यह बात कही थी। हॉकिंग संभवत: शुरुआत से ही नास्तिक रहे हैं। उनका परिवार कहने को तो ईसाई था, लेकिन वास्तव में वे नास्तिक थे। सेंट अल्बंस स्कूल में एक स्कूल के लड़के के रूप में उन्होंने ईसाई धर्म के बारे में अपने सहपाठियों के साथ तर्क किया और कॉलेज के दिनों में भी वह एक प्रसिद्ध नास्तिक थे।

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उनकी पहली पत्नी जेन ईसाई धर्म पर पक्का विश्वास करने वाली महिला थी, जिनसे उन्होंने 1965 में शादी की थी और 1995 में तलाक ले लिया था। मगर, उन दोनों के बीच भी कभी धार्मिक मामलों को लेकर एक मत नहीं रहे थे। भगवान के अस्तित्व को नकारने वाले हॉकिंग के बयान को लेकर किसी को भी आश्चर्य नहीं करना चाहिए। धार्मिक विश्वासों के विरोध में हॉकिंग ने कई बयान दिए हैं। उनका मानना है कि…

– हम एक बहुत ही औसत तारे के एक छोटे ग्रह पर बसे बंदरों की उन्नत नस्ल हैं। मगर, हम ब्रह्मांड को समझ सकते हैं। यह बात हमें बहुत खास बना देती है।

– धर्म और विज्ञान के बीच एक बुनियादी अंतर है। धर्म जहां आस्था और विश्वास पर टिका है, वहीं विज्ञान ऑब्जर्वेशन (अवलोकन) और रीजन (कारण) कारण पर चलता है। विज्ञान जीत जाएगा क्योंकि यह काम करता है।

– हम सभी जो चाहें, उस पर विश्वास करने के लिए स्वतंत्र हैं। मेरा मानना है कि कोई भगवान नहीं है। किसी ने भी हमारे ब्रह्मांड नहीं बनाया है और कोई भी हमारे भाग्य को निर्देशन नहीं करता है।

सर्वे में 93 फीसद वैज्ञानिकों ने नकारा ईश्वर को

सर्वे में यह बात सामने आई है कि 93 फीसद शीर्ष वैज्ञानिकों ने ईश्वर के अस्तित्व को ठुकराया है। वहीं, करीब 83 फीसद अमेरिकियों ने ईश्वर पर आस्था जाहिर की है। नेचर मैग्जीन ने 1998 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस (शीर्ष वैज्ञानिकों के एक प्रतिष्ठित समूह) के सदस्यों का सर्वे किया। उन्होंने पाया कि इनमें से केवल 7 फीसद वैज्ञानिक ही ईश्वर में विश्वास करते हैं।

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