GJEPC ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में विचार करने के लिए सरकार से कुछ नीतिगत सुधारों की सिफारिश की…

हीरे और सोने के जेवर की मांग बढ़ाने के लिए GJEPC ने सरकार से आग्रह किया है। जीजेईपीसी ने सरकार को 2022-23 के केंद्रीय बजट में विचार करने के लिए कुछ नीतिगत सुधारों की सिफारिश की है। इसमें कटे और पॉलिश किए गए हीरे, सोना और अन्य कीमती धातुओं पर आयात शुल्क में कमी समेत मुंबई तथा सूरत के विशेष अधिसूचित क्षेत्रों में कच्चे हीरों की बिक्री की अनुमति देने के लिए कराधान प्रावधानों में संशोधन शामिल है। ऐसा करने से 2022 में आभूषण की डिमांड बढ़ जाएगी।

दूसरी तरफ देश का रत्न और आभूषणों का निर्यात नवंबर 2021 में 4.21 प्रतिशत घटकर 17,784.92 करोड़ रुपये रहा। दीपावली के दौरान विनिर्माण गतिविधियों के नरम रहने के कारण इसमें कमी आई है। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अनुसार नवंबर 2020 में देश का कुल निर्यात 18,565.31 करोड़ रुपये था। दीपावली पर विनिर्माण गतिविधियों में रुकावट के कारण निर्यात में पहले से गिरावट की आशंका थी।

जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि वैसे वर्ष 2021 में भारत का रत्न और आभूषण निर्यात का प्रदर्शन पिछले साल की हमारी उम्मीदों से काफी आगे रहा है। विश्व के सबसे बड़े आभूषण उपभोक्ता देश अमेरिका ने इस साल भारत से खरीदारी बढ़ा दी है। हमें इस वित्त वर्ष में 41.65 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि नवंबर में मुख्य रूप से दीपावली के दौरान विनिर्माण गतिविधि में नरमी के कारण माल ढुलाई में पिछले वर्ष की तुलना में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। परिषद के अनुसार तराशे गये और पॉलिश हीरों का कुल निर्यात अक्टूबर में 20.41 प्रतिशत घटकर 9,719.72 करोड़ रुपये रहा, जबकि 2020 के समान महीने में यह 12,212.79 करोड़ रुपये था।

वही नवंबर में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 38.24 प्रतिशत बढ़कर 5,286.23 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 3,823.82 करोड़ रुपये था। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह अप्रैल-नवंबर में चांदी के आभूषणों का निर्यात (अस्थायी) 20.47 प्रतिशत बढ़कर 12,552.39 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 10,419.33 करोड़ रुपये था।

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