महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी सहित सोनिया-राहुल ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पूरे राष्ट्र उन्हें शत् शत् नमन करते हुए याद कर रहा है। दिल्ली के समाधि स्थल राजघाट पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई गणमान्य लोगों ने बापू को श्रद्धांजलि दी। उनके जन्मदिन के मौके पर देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वच्छता पुरस्कार बांटेंगे। इस दौरान वहां पीएम भी मौजूद रहेंगे। गांधी जयंती पर पीएम मोदी राष्ट्रव्यापी ‘स्वच्छ्ता ही सेवा अभियान’ का समापन करेंगे।महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी सहित सोनिया-राहुल ने दी श्रद्धांजलिराजघाट पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद राहुल और सोनिया दोनों तत्काल वहां से चले गये क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र के वर्धा में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जाना है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राहुल के बाद राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, सोनिया गांधी वहां पहुंचीं और महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वहां भजन हो रहा था।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने भी इस अवसर पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने अपनी 48वीं मन की बात में महात्मा गांधी का जिक्र किया था। उन्होंने बापू से जुड़ी कई बातों के बारे में बताया था। गांधी जयंती पर पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता को शत्-शत् नमन। आज से हम पूज्य बापू के 150वें जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। उनके सपनों को पूर्ण करने का हम सभी के पास यह एक बहुत बड़ा अवसर है।’

जहां एक तरफ पूरा देश आज बापू की 150वीं जयंती मना रहा है वहां राष्ट्रपिता खुद अपना जन्मदिन मनाना पसंद नहीं करते थे। वयोवृद्ध गांधीवादी रामचंद्र राही बताते हैं कि शायद गांधीजी अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे लेकिन लोग इस खास दिन का जश्न मनाया करते थे। 1918 में उन्होंने अपना जन्मदिन मनाने वाले लोगों से कहा था, ‘मरने के बाद मेरी यह कसौटी होगी कि मैं जन्मदिन मनाने लायक हूं या नहीं।’ राही ने बताया, ‘वह अपने जन्मदिन पर गंभीर रहते थे। भगवान से प्रार्थना करते थे, चरखा चलाते थे और ज्यादातर समय मौन रहा करते थे। किसी भी महत्वपूर्ण दिन को वह इसी तरह मनाते थे।’

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