7वें नंबर पर भेजे जाने से गुस्सा कम, हैरान ज्यादा था: कार्तिक

दिनेश कार्तिक ने निदहास टी-20 ट्रॉफी के फाइनल में 8 गेंदों पर नाबाद 29 रन बनाकर खूब सुर्खियां बटोरी. उनका ‘विजयी छक्का’ क्रिकेट की दुनिया में चर्चा का विषय है. खिताबी भिड़ंत के दौरान उनसे पहले विजय शंकर को बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने का फैसला भी चौंकाने वाला रहा. कार्तिक ने एक इंटरव्यू में उस वक्त का हाल सुनाया, जब विजय शंकर को उनसे पहले उतार दिया गया था.

मैच के बाद रोहित शर्मा ने खुलासा किया था कि निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने पर आप नाराज थे..? इस पर कार्तिक का जवाब था, ‘विजय शंकर को पहले भेजे जाने से मुझे लगता है कि मैं गुस्सा कम, हैरान ज्यादा था और थोड़ा दुखी भी. मैंने पूरे टूर्नामेंट में छठे नंबर पर बल्लेबाजी की थी, लेकिन शंकर को पहले उतरते देख मुझे थोड़ा धक्का जरूर लगा था. मेरे और रोहित के अच्छे संबंध हैं. उनकी कप्तानी में मैंने आईपीएल जीती है. उन पर मुझे बहुत भरोसा है. मुझे पता है वह एक क्रिकेटर के रूप में मुझे सम्मान देते हैं. ‘

उन्होंने रोहित शर्मा की कप्तानी शैली की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, ‘उन्हें टीम का नेतृत्व करने की अपनी क्षमता पर विश्वास है. वह काफी होमवर्क करते हैं और रणनीतिक तौर पर मजबूत हैं. वह कुशल कप्तान हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अच्छा लग रहा है कि सभी मेरे बारे में बात कर रहे हैं. मैंने वर्षों में जो अच्छे काम किए, उससे मुझे वह छक्का जड़ने में मदद मिली.’

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उधर, सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के सवाल पर दिनेश कार्तिक ने खुद को ‘यूनिवर्सिटी स्टूडेंट’ बताया. कार्तिक ने कहा, ‘जब महेंद्र सिंह धोनी की बात आती है तो मैं अभी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हूं, जबकि वह टॉपर हैं. उनके साथ तुलना ठीक नहीं.’ मजे की बात यह है कि कार्तिक ने सितंबर 2004 में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, जबकि धोनी ने इसके तीन महीने बाद दिसंबर में बांग्लादेश के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था.

आखिर में कार्तिक ने विजय शंकर का भी बचाव किया, जो मुस्ताफिजुर रहमान की धीमी गेंदों को समझने में नाकाम रहे थे उन्होंने कहा, ‘विजय शंकर के पास कौशल है. उसने गेंदबाज के रूप में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया. जो बल्लेबाजी ऑलराउंडर हो, उसने दबाव में अच्छा खेल दिखाया.’

 
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