सरकार के नए प्रोत्साहन पैकेज पर बोले पूर्व RBI गवर्नर, कहा- पहले पुराने पैकेज को किया जाए खर्च

नई दिल्ली: देशभर में फैले कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए प्रोत्साहन पैकेज जारी किए थे और अब सरकार और एक पैकेज लाने का विचार कर रही है. सरकार के इस फैसले पर बातचीत करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गर्वनर बिमल जालान (Former RBI governor Bimal Jalan) ने कहा कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कोई नया प्रोत्साहन पैकेज (incentive package) देने की जरूरत नहीं है. बल्कि यह अधिक महत्वपूर्ण होगा कि सरकार पहले जिस पैकेज की घोषणा कर चुकी है, उसे खर्च किया जाए.

PTI को दिए इंटरव्यू में कही ये बात

जालान ने पीटीआई-भाषा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मेरा मानना है कि वित्तीय प्रोत्साहन पहले ही दिया जा चुका है. आप पहले जो घोषणा कर चुके हैं उसे खर्च करने की जरूरत है. इसके अलावा विभिन्न घोषणाओं का क्रियान्वयन करने की जरूरत है. यह राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को फिर बढ़ाने से अधिक महत्वपूर्ण है.

आपको बता दें सरकार ने कोरोना वायरस महामारी देश की इकोनॉमी और आम जनता को उबारने के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया था. मई में सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया था.

तीन दौर के प्रोत्साहन पैकेज का हुआ ऐलान

इसके साथ ही उन्होंने कहा, यदि आपने पहले से घोषित सभी संसाधन खर्च कर दिए हैं, तो उसके बाद राजकोषीय घाटे को बढ़ाया जाना चाहिए. अभी तक सरकार तीन दौर के प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा की चुकी है. आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने हाल में कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द अगले दौर के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करेंगी.

महामारी का पड़ा प्रतिकूल असर

देश की वृहद आर्थिक स्थिति पर एक सवाल के जवाब में जालान ने कहा कि कोविड-19 का आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है, लेकिन अब भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरोद्धार की राह पर है.

2021 में सुधरेगी अर्थव्यवस्था

केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि नौकरियों और वृद्धि में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई 2021 के अंत तक हो जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि यदि अगले कुछ महीने के दौरान कोविड-19 का संकट फिर शुरू नहीं होता है, तो 2021-22 में निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी. उन्होंने कहा कि 2021-22 में वृद्धि दर 6 से 7 प्रतिशत रह सकती है. हालांकि, इसके साथ जालान ने कहा, ‘‘इसके लिए हमें इंतजाार करना होगा. देखना होगा कि कोविड-19 का संकट और तो नहीं बढ़ता है.

कितनी आ सकती है अर्थव्यवस्था में गिरावट

रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) तथा विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है.

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