इस मंत्र के उच्‍चारण से होगी धन की वर्षा, भगवान कुबेर बनायेंगें विशेष कृपा

आज के दौर में हर इंसान अमीर बनने की ख्‍वाहिश रखता हैं और शास्‍त्रों के अनुसार किसी भी इंसान को धन-धान्‍य और वैभव से सम्‍पन्‍न होने के के लिए धन के देवता यानि की भगवान कुबेर को प्रसन्‍न करना जरूरी होता हैं। हिन्‍दू धर्म से जुडे शास्त्रों में धन के देवता के रूप में भगवान कुबेर का पूजन किया जाता हैं। शास्‍त्रों के अनुसार इन्‍हे विश्वश्रवा ऋषि का पुत्र बताया गया हैं जबकि राक्षसराज रावण, कुंभकर्ण और विभीषण को इनका सौतेला भाई बताया गया हैं। मान्‍यताओं के अनुसार भगवान शिव के वरदान के रूप में इन्‍हे कई सिद्धियां प्राप्‍त हुई और किसी भी इंसान को धन-धान्‍य से परिपूर्ण करने के लिए इनकी कृपा-दृष्टि होनी आवश्‍यक हैं।

 

हिन्‍दू धर्म के ग्रंथो में कई मंत्र और सुक्तियां दी गई हैं जो हर कर्मकांड विशेष के लिए अलग-अलग तरीके से काम में ली जाती हैं। धन के देवता भगवान कुबरे को प्रसन्‍न करने के लिए रावण संहिता में एक विशेष मंत्र दिया गया हैं जिसके मंत्रोच्‍चार से भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती हैं। सुबह-सुबह पूरी श्रद्धा के साथ इस मंत्र का जाप करना चाहिए। अगर आप बालकी भांति मन को स्‍वच्‍ट रखकर इसका जाप करें तो ये आपके लिए सकारात्‍मक परिणाम देगा।

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये।

धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा ।।

 

ये मंत्र को रावण सहिंता से लिया गया हैं और इसके जप के समय धन लक्ष्मी कौड़ी को अपने समीप रखें। अगर आप स्‍वच्‍ट मन से तीन महिने तक इस मंत्र का जप करते हैं तो आप पूरी तरह वैभवशाली हो जायेंगें। पूरे तीन पहिने मंत्रोच्‍चार के बाद धन लक्ष्मी कौड़ी को उस स्‍थान पर रखें जहां आप अपना पैसा रखते हैं।

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