कर्नाटक में शपथ ग्रहण के 5 दिन बाद भी मंत्रियों को अभी तक नहीं मिले कोई विभाग

कर्नाटक में बड़े सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस के समर्थन से जनता दल सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली, लेकिन उनकी कैबिनेट का स्वरूप अभी तक तय नहीं हो पाया है. दोनों पार्टियों में कैबिनेट और विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक मंथन चल रहा है. इस बीच एचडी कुमारस्वामी आज दिल्ली पहुंच रहे हैं.कर्नाटक में शपथ ग्रहण के 5 दिन बाद भी मंत्रियों को अभी तक नहीं मिले कोई विभाग

यहां वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक चुनाव प्रभारी के. सी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे. इससे पहले वेणुगोपाल ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस- जद(एस) सरकार में विभागों के आवंटन को एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश जाने की योजना विभागों के आवंटन के रास्ते में बाधक नहीं बनेगी.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के इलाज के लिए विदेश रवाना हो गए हैं. ऐसे में आज कांग्रेस के दूसरे नेताओं से मिलकर कुमारस्वामी कैबिनेट का स्वरूप फाइनल करने पर विचार करेंगे.

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वेणुगोपाल ने क्या कहा

कर्नाटक में पार्टी मामलों के प्रभारी वेणुगोपाल ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सबसे पहले विभागों के आवंटन पर अंतिम निर्णय लेना है. इस पर चर्चा चल रही है और संभवत: यह काम एक से दो दिन में पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अंतिम सूची को कांग्रेस प्रमुख से स्वीकृत कराने से पहले राज्य के नेताओं से इसपर चर्चा की जाएगी. वेणुगोपाल ने ये भी बताया कि राहुल की गैरमौजूदगी से इसमें देर नहीं होगी. वह फोन पर हर समय उपलब्ध हैं.

विभागों पर मतभेद

उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि कुछ विभागों के आवंटन को लेकर जद (एस) से मतभेद पर वेणुगोपाल ने कहा, ‘एक गठबंधन में कुछ मुद्दे होते हैं. हम इनपर एक-दूसरे से चर्चा कर रहे हैं. इसका समाधान तत्काल ढूंढ लिया जाएगा. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने खुद स्वीकार किया था कि गठबंधन साझेदार के साथ विभागों के बंटवारे को लेकर कुछ ‘मुद्दे’ हैं.

बता दें कि कांग्रेस और जद(एस) के बीच वित्त, गृह,  लोकनिर्माण विभाग और ऊर्जा, सिंचाई और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभागों को लेकर खींचतान चल रही है. हालांकि, यह पहले ही तय हो चुका है कि कांग्रेस के 21 मंत्री और जद(एस) के 11 मंत्री होंगे. यह भी चर्चा और मांग है कि पार्टी को कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करना चाहिए.

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