महापंचायत उत्तराखंड में ढोल-नगाड़े और परंपरागत छोलिया कलाकाराें के साथ पहुंचे किसान…

कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को रुद्रपुर में आयोजित किसान महापंचायत में उत्तराखंड की भव्य पहाड़ी संस्कृति की झलक दिखाई दी। यहां किसान उत्तराखंड के पारंपरिक छोलिया नृत्य के साथ पहुंचे।वहीं श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर श्रमिक ढोल-नगाड़े लेकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ मोदी मैदान में किसानों का समर्थन देने पहुंचे। भाकियू नेता राकेश टिकैत भी महापंचायत को संबोधित करेंगे। पंजाब और यूपी गायक भी कार्यक्रम में गीतों के जरिये अपना समर्थन देंगे।

 केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून के विरोध में पूरे देश में चल रहीं किसान महापंचायतों के मद्देनजर उत्तराखंड के रुद्रपुर में भी किसान संगठनों द्वारा किसान महापंचायत आयोजित की जा रही है। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार कृषि कानून लागू किए गए हैं, वे असंवैधानिक हैं। केंद्र सरकार द्वारा हिटलरशाही दिखाकर इतने बड़े किसान आंदोलन को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज देश के करोड़ों किसान सड़कों पर हैं। पूरे देश में महापंचायत आयोजित की जा रही हैं, लेकिन घमंड में चूर चंद उद्योगपतियों की सरकार आज देश के अन्नदाता की जायज बात को सुनने को तैयार नहीं है। महापंचायत में देहरादून जिले के पछवादून से भी सैकड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं।

वहीं कृषि कानूनों को लेकर किसानों का जनप्रतिनिधियों के प्रति बढ़ते गुस्से पर राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों से भाईचारा बनाए रखने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई जनप्रतिनिधि गांव में जाता है तो उससे अपने सवाल मर्यादा के दायरे में करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बात कहने का अधिकार है। राकेश टिकैत ने जनप्रतिनिधियों को भी जनभावना का ध्यान रखने की बात कही है।  

किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए भाकियू पदाधिकारियों के बीच रणनीति बन रही है। गर्मी में किसानों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए राकेश टिकैत ने कहा था कि पहले दिल्ली में सरकार से बिजली कनेक्शन मांगा जाएगा।

यदि वहां कनेक्शन नहीं मिलता है तो फिर उत्तराखंउ सरकार से मीटर कनेक्शन मांगेंगे। कहीं से भी कनेक्शन न मिलने पर किसान यूपी गेट पर जनरेटर लगाएंगे। जगतार सिंह बाजवा ने किसानों से फसल बर्बाद नहीं करने की अपील की है।

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