हर दिन अपनी जान पर खेलकर गांववालों का इलाज करती है ये नर्स, सरकार करेगी सम्मानित

नारी शक्ति और उसके निस्वार्थ सेवा भाव का एक अन्य उदाहरण सामने आया है। ताजा मामले में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी ने निस्वार्थ सेवा करने का ऐसा भाव जगाया है कि उसने खतरनाक मगरमच्छ की भी परवाह नहीं की। बताया जाता है कि दंतेवाड़ा जिले में गांववालों की सेवा करने के लिए यह महिला कर्मचारी रोज मगरमच्छों से भरी नदी को पार करके जाती है।

हर दिन अपनी जान पर खेलकर गांववालों का इलाज करती है ये नर्स, सरकार करेगी सम्मानित

2012 से कर रही है ये साहसिक काम

एएनएस नर्स सुनीता ठाकुर यह साहसिक कार्य 2012 से कर रही है। चेरपाल गांव में लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए वह रोज अपनी जान को खतरे में डाल मगरमच्छों से भरी इंद्रावती नदी को पार करती है। सुनीता ने बताया, मैं अपने काम के प्रति दृढ़ हूं। कहा कि मैं अपने खुद के बनाए हुए नाव के सहारे इंद्रावती नदी को पार करती हूं इसके बाद एक घने जंगल से गुजरने के बाद गांव पहुंचती हूं जहां मैं गांव वालों की सेवा करती हूं।

अपने बनाए नाव से करती है नदी पार

प्रतिदिन सुनीता अपनी ये जोखिमभरी यात्रा अपने घर बरसुर से शुरु करती है। यहां से अपनी स्कूटी से वह 10 किमी की यात्रा कर मुचनार घाट पहुंचती है। इसके बाद वह अपने बनाए हुए नाव से नदी को पार करती है। क्योंकि दोनों किनारों को जोड़ने वाला पुल अभी तक बन कर तैयार नहीं हुआ है।

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साथ होता है 5 किलो का मेडिकल किट

उसकी रोज की दिनचर्या में खतरा बस इतना ही नहीं होता है। सुनीता 4-5 किलो का मेडिकल किट अपने साथ लेकर चलती है। नदी को पार करने के बाद वह गांव तक पहुंचने के लिए राज्य में नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले घने जंगल के बीच से पैदल गुजरती है। इसके बाद वह गांव पहुंचकर वह घर-घर जाकर उनकी स्वास्थ्य समस्या का निदान करती है।

पकड़ लिया था नक्सलियों ने

बस्तर की रहने वाली सुनाती बताती है कि एक बार उसे नक्सलियों ने पकड़ भी लिया था। कहती है, मैं गांव वालों को उनके स्मार्ट कार्ड बनवाने में उनकी मदद कर रही थी। तभी कुछ माओवादी जंगल की तरफ से आए और उन्हें पकड़ लिया। वे हमारे पास से दो लैपटॉप और कुछ अन्य जरुरी सामान ले गए।

सरकार करेगी सम्मानित

सरकार ने आखिरकार उसके साहसिक काम को पहचाना और अब उसे उसकी कर्तव्य और समर्पण भाव के लिए सम्मानित करने का निर्णय लिया है। दंतेवाड़ा जिला कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा, उसे उसके काम के लिए आगामी स्वतंत्रता दिवस के दिन सम्मानित किया जाएगा। क्योंकि सुनीता जैसे कर्मचारियों के ही कारण हम राज्य के दूरस्थ इलाके में भी स्वास्थ्य सेवा पहुंचा पाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नदी पर जल्द ही पुल का निर्माण कर लिया जाएगा।

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