इस दिन भूलकर भी नहीं तोड़नी चाहिए तुलसी की पत्तियां नहीं तो…

हिंदू धर्म में तुलसी का महत्व बेहद विशेष है। तुलसी का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है। वहीं, इसका इस्तेमाल कई औषधीय गुणों में भी किया जाता है। मान्यता है कि अगर तुलसी का पौधा घर में लगाया जाए तो उससे घर की नेगेटिव एनर्जी दूर होती है। कई लोगों के यहां रोजना सुबह स्नानादि कर तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। वहीं, कुछ लोग सुबह उठकर तुलसी की चाय पीना बेहद पसंद करते हैं। लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है तुलसी को तोड़ते हुए।
मान्यता है कि रविवार, सूर्य ग्रहण, एकादशी, संक्रान्ति, द्वादशी, चंद्रग्रहण और संध्या काल में भूलकर भी तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी पर मां व्रती होती हैं और अगर इस दिन पत्ते तोड़े जाए तो घर में गरीबी आती है। रविवार के दिन तुलसी के पत्ते भूलकर भी नहीं तोड़ने चाहिए। कई लोग ऐसा मानते हैं कि मंगलवार के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। क्योंकि कई लोग इसे क्रूर वार माना जाता है।

इनकी पत्तियों को कभी-भी नाखून से या खींचकर नहीं तोड़ना चाहिए। इन्हें कभी चबाना नहीं चाहिए। इन्हें जीभ पर रखकर चूसना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी को राधा रानी का अवतार कहा गया है। कभी-भी तुलसी को बिना नहाए नहीं तोड़ना चाहिए। यह खराब माना जाता है। ऐसे पत्तों को पूजन में इस्तेमाल नहीं किया जाता है और न ही भगवान द्वारा स्वीकार किया जाता है। इन्हें राधा रानी का अवतार माना गया है और राधा रानी शाम को लीला करती हैं ऐसे में इन्हें शाम को तोड़ने की मनाही होती है। अगर पत्तियां तोड़ना बहुत जरूरी है तो उसे तोड़ने से पहले पौधे को हिला लें। 

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