कही आपका पार्टनर भी तो नहीं कर रहा आपके साथ टाइमपास, इन 5 बातों से करें पता

आजकल सच्चे प्यार को समझना बहुत मुश्किल काम है क्योंकि यह तो तय बात है कि दुनिया में रिश्ते में बहुत सारे लोग रहते हैं लेकिन उनमें से सब सच्चे हों, रिश्ते के प्रति समर्पित हों, ये तो जरूरी नहीं है। कई सारे लोग सिर्फ दिखावे के लिए और मन बहलाने के लिए भी रिश्ता रखते हैं, जो कि समय आने पर अपनी सहूलियत के अनुसार पार्टनर बदल लेते हैं, ऐसे में सामने वाले व्यक्ति के दिल पर चोट पहुंचती है लेकिन जो सच्चा नहीं है, जिसके प्रेम सच्चा नहीं है, उसे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आइए जानते हैं कि वो कौनसी बातें हैं जिनसे आप पता कर सकते हैं कि आपका पार्टनर आपसे सच्चा प्यार करता है या बस टाइमपास।

झूठ बोलना
यदि आप जब भी अपने पार्टनर से अचाकर पूछते हैं कि वो कहां है और जवाब लड़खड़ाकर या समय लेकर आता है तो ये चिंता का विषय है क्योंकि यदि आपके पार्टनर को आपसे सच्चा प्यार है तो वो कभी भी आपसे यह छिपाने की कोशिश नहीं करेगा कि वह कहां है। वह भयमुक्त होकर सच बता देगा।

मोबाइल में लगे रहना
वे जब भी आपसे मिलने आते हैं तो पूरा ध्यान आप पर या बातों पर होने की बजाय बीच-बीच में मोबाइल पर ही होता है तब भी समझिए कि कुछ और महत्वपूर्ण है, जो उनका ध्यान उस और है। ऐसी स्थिति में आप स्पष्ट पूछ भी सकती हैं क्योंकि ये आपका अधिकार है। इसे शक करना बिल्कुल नहीं कहते हैं।

बहाने बनाना
जब भी आप मिलने की बात करते हो या खुद से जुड़ा कोई काम बताते हो तो वो अपनी व्यस्तताओं को लेकर बहाने बनाते रहते हों, जबकि सामान्य में वे फ्री ही रहते हों, ऐसी स्थिति में भी यह समझना जरूरी है कि वे आपके लिए जितना महत्वपूर्ण हैं, उतना आप उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं।

आपके करीबियों से कोई मतलब न होना
यदि आपका पार्टनर आपसे जुड़े लोगों अर्थात परिवार, दोस्तों में रूचि नहीं लेता, उनसे जुड़ी बातों को नहीं सुनता मतलब इसका अर्थ है कि वह इस रिश्ते को दूर तक नहीं देखता, वो सिर्फ आपसे मतलब रखना चाहता है, वो भी सिर्फ तबतक जबतक वो आपके साथ है। सच्चे प्रेमी आपके करीबियों को भी तवज्जो देते हैं।

बिना बात के चिढ़चिढ़ करना
यदि आपका पार्टनर सामान्य बातों पर भी बहुत अधिक खीझता है। आपकी हर अच्छा, बुरी बात से उसे समस्या है। अपने दोस्तों के हमसफर से आपकी तुलना करता है तो समझ जाइए कि बहुत जल्द इस रिश्ते का अंत होने वाला है क्योंकि उसने आपको मन से कभी स्वीकारा ही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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