उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी उद्यमियों और कारोबारियों को नहीं मिल सकी उनकी चार वर्ष पुरानी आइटीसी

 उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी उद्यमियों और कारोबारियों को उनकी चार वर्ष पुरानी आइटीसी नहीं मिल पा रही। उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह में इसे फाइल कर आइटीसी जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। चार सप्ताह गुजर गए और अब तक कुछ नहीं हुआ।

एक जुलाई 2017 को कारोबारी वैट, सर्विस टैक्स और एक्साइज से जीएसटी में आ गए थे। उस समय उनका जो इनपुट टैक्स क्रेडिट बचा हुआ था, उसे फार्म ट्रान-1 के जरिए जीएसटी में लाने के लिए कहा गया था। व्यापारी की आइटीसी खुद उसके जीएसटीएन पोर्टल में चली जानी थी, लेकिन तकनीकी खामी की वजह से आइटीसी ट्रांसफर न हो सकी। इस पर कारोबारी उच्च न्यायालय चले गए थे। न्यायालय ने शिकायत लेकर आए 80 कारोबारियों के साथ ही प्रदेश के सभी कारोबारियों को चार हफ्ते में आइटीसी जारी करने के आदेश किए थे। इस मुद्दे को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने सीजीएसटी अधिकारियों के सामने उठाया था। इस संबंध में आइआइए के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आलोक अग्रवाल के मुताबिक कोर्ट से कारोबारियों के पक्ष में यह फैसला आया था, लेकिन विभाग इस टाल रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं।

हाईकोर्ट का निर्देश

– जो व्यापारी तकनीकी खामी से ट्रान-1 दाखिल नहीं कर सके, वे 15 सितंबर 2021 को निर्णय होने के चार सप्ताह के अंदर क्षेत्र के अधिकारी को ट्रान-1 दाखिल करेंगे। जीएसटी अफसर उसकी जांच कर दो सप्ताह में पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

– जिन मामलों में विभागीय अधिकारी ट्रान-1 को लेकर संतुष्ट नहीं हैं, वहां ईमेल व अन्य साधनों को कारोबारी को सूचना दी जाए। उन्हें कागज सही करने के लिए तीन सप्ताह का समय मिलेगा। इसके बाद एक सप्ताह में अधिकारी इसे अपलोड करेंगे।

– जो कारोबारी इस संबंध में अभी आवेदन नहीं कर सके हैं, वे आठ सप्ताह में इन्हें मैनुअल फाइल कर सकते हैं। इसके बाद अधिकारी इन्हें अपलोड करेंगे।

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