यहाँ पर तो “द्रौपदी “की कहानी भी है फेल “पत्नी “एक और पति 6, एक साथ पत्नी के साथ करते है ये सब..

डेस्क -लड़कियों की कमी के चलते यह ऐसी तस्वीर उभर रही है जिससे की वो दिन दूर नहीं जब पति कई और पत्नी रहेगी एक यह भयवाह तस्वीर अभी भी भारत की ही कुछ हिस्सों में है जहाँ पत्नी एक और पति कई होते हैं महाभारत में वर्णित पांचाल नरेश द्रुपद की बेटी द्रौपदी के पांच पति थे, वो हालात अलग थे. पर मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित एक गांव का नज़ारा कुछ समझ नहीं आता है. लड़कियों की कमी के चलते यहां एक ही परिवार के सारे भाइयों से शादी करती है दुल्हन. इस गांव में ब्याही गई एक दुल्हन के आठ पति हैं. कुछ ऐसा ही हाल है हिमाचल के किन्नौर के कुछ हिस्सों में.

यहां एक दुल्हन एक ही परिवार के सभी भाइयों से शादी करती है.

मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, शादी के बाद दुल्हन बारी-बारी से उन पुरुषों के साथ रहती है. सुनने में ये बड़ा अटपटा लगेगा, पर ये सच है. ऐसा किसी रस्म के तहत या खुशी से नहीं, बल्कि मजबूरी में किया जा रहा है. यहां बसी एक जाति और धर्म विशेष के लोगों में लड़कियों की कमी के चलते इस गांव के लोगों ने ये नियम बनाया है.
इसके तहत गांव के जिस भी घर में लड़कों की संख्या एक से ज्यादा है, वे सभी मिलकर सिर्फ एक ही लड़की से शादी करेंगे. इस वजह से गांव के लगभग सभी घरों में एक ही बहू है, जबकि उसके पतियों की संख्या एक से ज्यादा है. यदि परिवार का कोई भाई अकेले शादी करके दुल्हन लाता है, तो उस पर उसके भाइयों का भी बराबर का हक़ होगा.

उनके अनुसार, पूरे गांव में गिने-चुने परिवार ही ऐसे हैं, जिनमें किसी लड़की का एक ही पति है. वरना पिछले कुछ सालों में जितनी भी शादियां हुई हैं, उनमें हर लड़की के एक से ज्यादा पति हैं.

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ऐसे हालातों के लिए ज़िम्मेदार हम खुद हैं. हमें कोशिश करनी होगी कि इस गांव में आने वाली बहुएं जो करने को मजबूर हैं, वो जल्द बंद हो जाए और कहीं भी ऐसा न हो. इसके लिए हमें बेटी के जन्म पर जश्न मनाना होगा, उसे बेटी नहीं सिर्फ़ अपनी औलाद समझकर उसका स्वागत करना होगा, उन्हें अच्छी शिक्षा देनी होगी. सबसे ज़रूरी बात है कि हमें हर लड़की और उसके अस्तित्व का सम्मान करना होगा, जिससे वो सुकून व सम्मान से जी सके. अन्यथा वो दिन दूर नहीं, जब लड़कियों को लेकर हमारे भीतर बसी दोयम दर्जे की मानसिकता सामाजिक नैतिकता की जड़ें ही उखाड़ देगी. 

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