कुछ न करना ही सफल निवेश का मंत्र, जाने कैसे?

बतौर निवेशक बहुत से लोग सोचते हैं कि उन्हें बहुत कुछ करते रहना चाहिए। निवेश को लेकर अध्ययन, सही निवेश का चयन, बाजार की गतिविधियों पर नजर रखना और ऐसे ही बहुत सारे काम हैं, जो निवेशक को जरूरी लगते हैं। यह धारणा निवेश सलाह से जुड़े उद्योग ने लोगों के जेहन में बनाई है। असल में यह बिलकुल गलत है। बतौर निवेशक आपका सबसे बड़ा काम है, कुछ नहीं करना। अक्सर बहुत अपडेट रहने वाले और तरह-तरह के बिजनेस चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज देखने वाले निवेशक अन्य लोगों की तुलना में गलत समय पर गलत फैसले कर लेते हैं।

कुछ न करना ही सफल निवेश का मंत्र, जाने कैसे?

आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों है। ‘बायस फॉर एक्शन’ यानी निर्णय लेने से पहले ही उसके बारे में सोच लेना। गूगल पर आप जैसे ही यह लिखकर सर्च करते हैं, नतीजों में सबसे पहले आपके सामने आता है: ‘फैसले से पहले ही उसके बारे में सोच लेना सफल उद्यमी का सबसे जरूरी गुण है। तमाम अध्ययनों में पाया गया है कि तेजी से फैसले करने और उनपर आगे बढ़ते जाने की क्षमता ही सफल लोगों और कंपनियों को विफल लोगों से अलग करती है।” यह केवल उद्यमियों के लिए ही नहीं, बल्कि जीवन के और मोर्चों पर भी काफी हद तक सही है। हम इसे बचत और निवेश के बारे में भी सही मान सकते हैं।

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ऐसे में सवाल उठता है कि निवेश की प्रक्रिया में आदर्श रूप से कौन-कौन सी गतिविधियां शामिल रहती हैं? मेरे हिसाब से ज्यादातर लोग सोचेंगे कि इसमें निवेश के बारे में अध्ययन करना, उस संबंध में चयन, उन पर नजर रखना, नए विकल्पों को देखते रहना, पुराने निवेश छांटते रहने और इसी तरह की बहुत सारी गतिविधियां शामिल रहती हैं।

कुल मिलाकर इस प्रक्रिया में करने को बहुत कुछ होता है। यदि आपने 10 से 20 की संख्या में निवेश किया हुआ है, तो यह एक पूरे दिन की नौकरी जैसा काम है। लेकिन, असल में यह सब कुछ गलत है। मेरे विचार से जिस काम में किसी को सबसे ज्यादा वक्त लगाना चाहिए, वह कुछ नहीं है। ज्यादातर, यहां तक कि लगभग सभी मामलों में निवेश की पूरी अवधि तक आपको कुछ करने की जरूरत नहीं होती। आपको इसी पर सबसे ज्यादा वक्त लगाने की जरूरत है कि आपको कुछ नहीं करना है।

निवेश से जुड़ी ढेरों गतिविधियां( वैसे इन्हें गतिविधियां कहना सही नहीं है) इंतजार कर रही हैं, महीनों और सालों से इंतजार कर रही हैं और इस बीच एसआईपी इंस्टॉलमेंट के रूप में बूंद-बूंद होने वाली सिंचाई की मदद से आपका निवेश बढ़ रहा है।

ज्यादा खतरनाक होता है बेकरार निवेशक-

दुर्भाग्य से ढेरों ऐसे लोग हैं, जो आपको किसी और बात के लिए राजी करने की कोशिश में लगे रहते हैं। उनका यह करना भी अपनी जगह सही है, क्योंकि उनकी रोजीरोटी इसी से चलती है। निवेश-सलाह से जुड़े उद्योग एक बड़ा हिस्सा आपको ये समझाने की कोशिश में लगा रहता है कि निवेश करना एक किस्म का काम है। जो निवेशक ज्यादा काम करता है, वह ज्यादा कमाता है। यही वह ‘ बायस फॉर एक्शन’ की अवधारणा है, जिसका मैंने ऊपर जिक्र किया है।

निवेश से जुड़े कारोबार में इसे बहुत गहराई से स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि आम धारणा से इतर निवेशक के मामले में यह सही नहीं है। ऐसे निवेशक, जिन्हें यह बात सही लगती है, वे अक्सर कुछ न करने वाले निवेशकों की तुलना में गलत समय पर और बहुत गलत कदम उठाते हैं। किसी ने इस बारे में बहुत सही कहा है, बेकरार निवेशक ज्यादा खतरनाक होता है।

हालात में होती हैं समस्याएं-

जरूरत से ज्यादा रिसर्च और बेकरारी के पीछे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निवेश के नाम पर चल रहे मनोरंजन उद्योग की भी है। यह उद्योग खुद को निवेश से जुड़ा समाचार मीडिया कहता है। कोई भी बिजनेस चैनल, समाचार पत्र या वेबसाइट सूचनाओं की बाढ़ ले आते हैं और इसे समाचार कहते हैं।

ये सभी मिलकर ऐसा प्रभाव बनाने का प्रयास करते हैं कि शॉर्ट टर्म में होने वाले उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह पूरी तरह गलत है। मेरे पास कई लोग ई-मेल करके निवेश से जुड़ी सलाह मांगते हैं और इस प्रक्रिया में आ रही समस्याओं से बाहर निकलने का रास्ता पूछते हैं। समस्याएं कई बार ऐसी चीजों में से निकलकर आती हैं, जो निवेशक ने वर्षों या दशकों से नहीं किया होता है।

इतना ही नहीं, उन समस्याओं को सुलझाने के लिए हमेशा ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं, जिन्हें सालों तक जारी रखने की जरूरत होती है। मेरा सामना कभी ऐसे किसी हालात से नहीं हुआ, जिसमें किसी निवेशक को इसलिए परेशानी का सामना करना पड़ा हो कि उसने कोई ब्रेकिंग न्यूज नहीं देखी या बाजार में चल रही गतिविधियों पर त्वरित प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

हां, इसके बिलकुल उलट हालात में जरूर समस्याएं होती हैं। कुछ निवेशकों ने केवल ऐसी खबरों से ज्यादा जुड़े रहने के कारण गलत निर्णय ले लिया होता है। ऐसे निवेशक भी हैं, जो इन ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में बाजार की किसी गतिविधि पर समय से पहले प्रतिक्रिया दे देते हैं।

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