क्या आपको पता है हर शुभ कार्य पर क्यों फोड़ा जाता हैं नारियल? जानिए…

शादी-त्योहार हो या कोई भी जरूरी पूजा हो, हवन हो या कोई भी अनुष्ठान हो, हर मांगलिक कार्य में नारियल का महत्व बहुत ज्यादा होता है।नारियल को श्रीफल कहा गया है, ‘श्री’ जो लक्ष्मी की असीम कृपा दिलाए । कोई भी पूजा या हवन बिना नारियल के पूर्ण नहीं होता। कहने को तो नारियल एक फल है लेकिन किसी भी अनुष्ठान में इसका बहुत महत्व होता है। किसी भी शुभ काम  से पहले नारियल बलि दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है, क्यों दी जाती है नारियल बलि, क्या है नारियल और नारियल बलि का महत्व, आइए इस बारे में जानते हैं..

किसी भी शुभ काम में क्यों जरूरी होता है नारियल ?

नारियल पानी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नारियल के अंदर के सफेद भाग और पानी का प्रतिनिधित्व चंद्रमा करता है। चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। कहते हैं कि हर काम शांत मन से करने से ही सफलता मिलती है इसलिए किसी भी कार्य की सिद्धि और मां लक्ष्मी की कृपा के लिए हर पूजा या अनुष्ठान में नारियल रखा जाता है। नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेवों का वास माना जाता है। नारियल के तीन बिंदु त्रिदेवों के प्रतीक माने जाते हैं लेकिन कुछ मान्यताओं के अनुसार श्रीफल के तीन बिंदुओं को भगवान शिव के त्रिनेत्रों से भी जोड़ा गया है।

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आमतौर पर नारियल तीन बिंदु वाला ही मिलता है लेकिन एकाक्षी नारियल यानि एक बिंदु वाले नारियल को हिंदु धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं, एकाक्षी नारियल में मां लक्ष्मी साक्षात विराजती हैं। घर में एकाक्षी नारियल रखने से बरकत और सुख-समृद्धि आती है।कहते हैं कि नारियल का जल घर में छिड़कने से घर की सारी नकारात्मक उर्जा खत्म हो जाती है।  घर में नारियल रखने से वास्तुदोष भी दूर होता है।  हिंदू धर्म में नारियल को समृद्धि, धन, शुभता और सम्मान का भी सूचक माना जाता है। नारियल फोड़ने के बाद उसके प्रसाद को ग्रहण करने से मां लक्ष्मी के साथ-साथ त्रिदेवों की भी असीम कृपा मिलती है। इसलिए किसी भी मांगलिक कार्य में नारियल की महत्ता है।

क्यों दी जाती है नारियल बलि ?

कोई भी शुभ कार्य हो या मांगलिक हवन, अनुष्ठान, हमेशा पूजा के समय नारियल को फोड़ा जाता है। इसे नारियल की बलि देना कहते हैं। पूजा के दौराननारियल फोड़ना शुभ माना जाता है। नारियल के बाहरी हिस्से को घमंड का प्रतीक जबकि अंदर के हिस्से को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है ।इसी कारण से भगवान के सामने नारियल को तोड़ने की प्रथा है। नारियल तोड़ना यानि अपने अहंकार को तोड़ना। ऐसी भी मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य सेपहले नारियल फोड़ने से उस काम में विघ्न नहीं आते हैं, सफलता मिलती है और बरकत होती चली जाती है। नारियल फोड़ने की परंपरा को एक प्रथा से भी जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि नर बलि या पशु बलि की प्रथा को रोकने के लिए नारियल बलि की शुरुआत की गयी। ऐसा भी माना जाता है कि नारियल बलि सिर्फ पुरुष ही देसकते हैं, महिलाएं नहीं।
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