भूल से भी शनिदेव की पूजा में न करें इस रंग प्रयोग, वरना लापरवाही पड़ेगी भारी

न्याय के देवता शनिदेव कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं और जिनकी दृष्टि किसी भी गलत कम करने वाले पर पड़ जाए तो से राज से रैंक बनते हुए देर नहीं लगती हैं। वहीँ शनिदेव की कृपा दृष्टि से व्यक्ति का जीवन भी संवर जाता हैं। आज शनिवार का दिन शनिदेव के पूजन के लिए जाना जाता हैं। लेकिन शनिदेव के पूजन के दौरान कुछ नियमों की जानकारी होनी जरूरी हैं क्योंकि इसमें बरती गई लापरवाही आपको परेशानियों में डाल सकती हैं। तो आइये जानते हैं शनिदेव की पूजा में ध्यान रखी जाने वाली उन बातों के बारे में।

शनि देव की पूजा में न करें लाल रंग का प्रयोग

शनिदेव की पूजा करते समय विशेष ध्यान रखें की उनकी पूजा में भूलकर भी लाल रंग के फूल या कोई लाल सामाग्री का उपयोग न करें। माना जाता है कि शनिदेव को लाल रंग बिल्कुल पसंद नहीं है। लाल रंग का प्रयोग करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं। इनकी पूजा में हमेशा नीले या फिर काले रंग का प्रयोग करना चाहिए। ये दोनों ही रंग शनिदेव को प्रिय हैं।

पश्चिम है शनि की दिशा

शनिदेव की पूजा करते समय दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। पश्चिम दिशा को शनि की दिशा माना गया है। शनिदेव की पूजा करते समय मुख सदैव पश्चिम दिशा की ओर रखना चाहिए। माना जाता है कि दूसरी दिशा में मुख करके पूजन करने से आपको परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

भूलकर भी न देखें शनिदेव की आंखो में

शनिदेव की पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि भूलकर भी आपकी नजर उनकी नजर से न मिले। कभी भी शनिदेव की आंखों में आंखे डालकर नहीं देखना चाहिए। इससे आपको उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह से ध्यान रखें कि पूजा करते समय कभी भी शनिदेव की मूर्ति के सामने न खड़े हो। इससे आपके जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।

शनिदेव की प्रतिमा के ठीक सामने न जलाएं दीपक

शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए पीपल के पेड़ या शनि मंदिर में दीपक प्रज्वलित किया जाता है। ज्यादातर लोग शनिदेव की प्रतिमा के सामने ही दीपक जला देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। दीपक को हमेशा मंदिर में रखी शिला के सामने ही जलाकर रखना चाहिए।

शनिदेव को न अर्पित करें सफेद तिल

शनिदेव की पूजा में हमेशा काले तिल और उड़द की दाल की खिचड़ी का ही प्रयोग किया जाता है। काले तिल अर्पित करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इससे व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों की छाया भी दूर होती है। इनकी पूजा में भूलकर भी सफेद तिल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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