अजा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये काम…

भाद्रपद मास की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इस बार अजा एकादशी 15 अगस्त (शनिवार) को पड़ रही है। हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और मनोकामनाएं पूरी होती है। शास्त्रों के अनुसार, अजा एकादशी व्रत के कुछ नियम है जिनका पालन करना जरूरी होता है। जानिए अजा एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए-

अजा एकादशी के दिन इन बातों का रखें ध्यान-

शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल खाने को वर्जित बताया गया है। मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है। इसलिए अजा एकादशी के दिन भी भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

एकादशी का व्रत श्रीहरि के प्रति समर्पण भाव दिखाता है। इसलिए अजा एकादशी के दिन खान-पान और बर्ताव में संयम का ध्यान रखना चाहिए।

सभी तिथियों में एकादशी की तिथि को श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए एकादशी का लाभ पाने के लिए लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए।

अजा एकादशी के दिन क्या करें-

यूं तो हर दिन प्रभु का ध्यान लगाया जाता है। लेकिन एकादशी के दिन प्रभु की अराधना करने का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके पूजा करनी चाहिए। 

एकादशी के दान का विशेष महत्व है। गरीबों या जरुरतमदों को दान करना चाहिए।

अगर संभव हो तो एकादशी के दिन गंगा स्नान भी करना चाहिए।

मान्यता है कि एकादशी के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

विवाह के लिए एकादशी के दिन केला या हल्दी का दान उत्तम माना जाता है।

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