होली में तरह-तरह व्यंजन न कर दें सेहत खराब, ऐसे… करें बॉडी डिटॉक्स

होली के मौके पर हम तरह-तरह के व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। कई बार इनकी मात्रा इतनी अधिक होती है कि हमारे शरीर पर उसका गलत असर होने की आशंका रहती है। ऐसे में जरूरी होता है कि इस मौके का आनन्द लेने के बाद शरीर का शुद्धिकरण किया जाए। क्यों जरूरी है यह डिटॉक्सिफिकेशन, इस बारे में बता रही हैं मोनिका अग्रवाल

होली रंगों से खेलने और खाने का त्योहार है। हर उम्र के लोग होली के जश्न में गोते लगाते नजर आते हैं। यह त्योहार सिर्फ रंगों की वजह से ही नहीं, बल्कि अपने मीठे और नमकीन पकवानों की वजह से भी सबका मनपसंद है। लेकिन इन पकवानों का मजा लेने के चक्कर में हम कई बार सेहत का ध्यान रखना भूल जाते हैं। होली के मौके पर कई जगह ठंडाई पी जाती है और भांग खाया जाता है। मौज-मस्ती के इस चक्कर में शरीर को कितना नुकसान झेलना पड़ता है, इससे आम लोग अनभिज्ञ रहते हैं। बहरहाल, खाने-पीने का बेशक आनंद उठाएं, लेकिन होली के बाद शरीर को डिटॉक्स करने का प्रयास भी करें।

होली के बाद होने वाले नुकसान-
होली के बाद आमतौर पर थकान, शरीर में दर्द, बेचैनी, हैंग ओवर, स्किन एलर्जी आदि की समस्या आती है। इन सबसे छुटकारा न पाया जाए, तो नुकसान ज्यादा हो सकता है। इसका उपाय है कि शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन किया जाए।

क्या है डिटॉक्सिफिकेशन-
डिटॉक्सिफिकेशन यानी शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालने की प्रक्रिया। बाजार में आपको बहुत सारी डिटॉक्स डाइट मिल जाएंगी, जो विटामिन, मिनरल्स, डाइयुरेटिक्स, ड्यूरेक्टिव और लेक्जेटिव से भरपूर होती हैं। आइए, हम कुछ सरल उपायों पर एक नजर डालते हैं, जो होली के बाद आपके शरीर की प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में सहायक हैं।

होली के व्यंजन कैसे करते हैं नुकसान-
सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की डॉ. सुमन पुजारी बताती हैं कि शरीर में गंदगी सर्वप्रथम तीन जगहों पर जमती है। पहली आहार नाल में, दूसरा पेट में और तीसरा आंतों में। अगर इन तीनों जगहों पर गंदगी ज्यादा समय तक बनी रहे, तो ये फैलेगी, साथ ही गुर्दों, फेफड़ों और हृदय के आसपास भी जमने लगेगी। अंत में खून को गंदा कर देगी और तरह-तरह के चर्म रोगों को जन्म देगी। यानी इस गंदगी को साफ करना जरूरी है। हम जो भी आहार लेते हैं, उसी से यह गंदगी पैदा होती हैं। इसलिए हम क्या खा रहे हैं, उसके प्रति सावधानी जरूरी है।

हम दो तरह का भोजन लेते हैं-
प्राकृतिक :
प्राकृतिक भोजन की श्रेणी में फल एवं सब्जियां आती हैं। फल को पचाने में तीन घंटे लगते हैं और सब्जियों को पचाने में छह घंटे।

मानव निर्मित :
होली की बात करें, तो हम मानव निर्मित पदार्थों जैसे गुजिया, मिठाइयों, मट्ठी, पापड़, चिप्स, बर्गर, चाट, पकौड़े, सैंडविच आदि का सेवन करते हैं।
व्यक्तिगत जरूरतों के अधार पर कई डिटॉक्स प्रोग्राम और आहार मौजूद हैं। कई प्रोग्राम्स सात दिनों का वक्त लेते हैं, क्योंकि रक्त से विषाक्त पदार्थों को निकालने में समय लगता है। यहां हम कुछ ऐसे उपायों के बारे में जानते हैं, जिन्हें होली की शाम से अपनाकर शरीर को सुरक्षित किया जा सकता है।

शाम की सैर-
होली खेलने के बाद अकसर लोग थकान और उनींदापन महसूस करते हैं। इसलिए झपकी लेने के बाद शाम को टहलने के लिए अवश्य निकलें। इससे शरीर और दिमाग दोनों में सक्रियता आएगी। पाचन में सहायता मिलेगी एवं कैलोरी जलाने में मदद मिलेगी।

नीबू पानी-
यदि आप भांग के हैंग ओवर में हैं और बेचैनी महसूस कर रहे हैं, तो नीबू पानी पिएं। ये पाचन में सहायक होता है, साथ ही शरीर से विषाणुओं को बाहर निकालने में भी मदद करता है। नीबू चाटने से भी भांग का नशा उतर जाता है।

अच्छी नींद-
होली खेलने के बाद अच्छी नींद लें। कम नींद शारीरिक क्रियाओं को नुकसान पहुंचाती है।

ग्रीन टी-
ग्रीन टी में एंटी ऑक्सिडेन्ट होते हैं, जो शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करते हैं। अगर आप इसमें थोड़ी काली मिर्च पाउडर एवं शहद मिलाकर पिएं, तो यह वजन कम करने में भी सहायक होती है।

रात में लें हल्का भोजन-
रात में हल्का भोजन लें। खिचड़ी, दलिया या ओट्स का सेवन कर सकते हैं। ये आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करते हैं और पाचन में सुधार लाते हैं।

अदरक-
अदरक यूं तो चाय का स्वाद बढ़ाने और शरीर को गर्मी देने में कारगर साबित होता है, भांग के नशे को उतारने में भी यह काफी सफल साबित होता है। इसके लिए आधा इंच अदरक का टुकड़ा मुंह में रख कर थोड़ी देर चूसें।

शराब के सेवन से बचें-
जिन्दल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट के सीनियर नेचुरोपैथ डॉ. श्रीकान्त एच.एस. के अनुसार, शराब से लिवर को नुकसान होता है। इससे लिवर टिश्यूज में सूजन और दाग-धब्बे बनते हैं। इससे लिवर की क्षमता में कमी आती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन सिस्टम सही रहे, तो इन दिनों शराब के सेवन से बचें।

नारियल पानी-
नारियल पानी एक चमत्कारी ड्रिंक है। इसे स्पोट्र्स ड्रिंक भी कहा जाता है। नारियल पानी में मौजूद मिनरल्स, विटामिन, कैल्शियम आदि से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। वैसे तो इसे किसी भी समय पिया जा सकता है, लेकिन इससे अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए इसे सुबह खाली पेट पीना बेहतर होता है। नारियल पानी में लोरिक एसिड पाया जाता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। सोने से पहले इसका सेवन थकान को दूर करता है। रात में इसका सेवन करने से शरीर हर तरह के संक्रमण से बचा रहता है।

खीरे का पानी-
खीरे के स्लाइस काटें एवं एक ग्लास पानी में पूरी रात डुबो कर रख दें। उसमें पुदीने के कुछ पत्ते भी तोड़कर डाल दें। सुबह इसे मिक्सी में चलाकर छानकर पी लें। ये एक तरफ जहां आपकी प्यास बुझाएगा, वहीं दूसरी तरफ आपको पेट भरा होने का एहसास कराएगा। यह शरीर से टॉक्सिन्स को निकालेगा। खीरा एन्टीपैरासाइटिक भी है। इसलिए इन्फेक्शन से बचाता है।

चुकन्दर-
चुकंदर के सेवन से लिवर की सफाई होती है। होली के अगले दिन चुकंदर खाना फायदेमंद है। इसलिए चुकंदर का किसी भी रूप में सेवन करें।

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