दुष्कर्म मामले में HC सख्त: पीड़िता की पहचान जाहिर करने पर होगी 6 महीने की जेल
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ दुष्कर्म मामले में मासूम पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम आदेश दिया है। मीडिया हाउसेज पर जुर्माना लगाने के साथ कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में कहा है कि अगर किसी ने भी कठुआ पीड़िता का नाम और उसकी पहचान उजागर की तो उसे छह महीने जेल की सजा हो सकती है।
नाम उजागर कर फंसे कई मीडिया हाउस, 10-10 लाख देना होगा हर्जाना
वहीं, इससे पहले कोर्ट ने कहा है कि जिन भी मीडिया हाउसेज ने कठुआ सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर की है उनको 10-10 लाख रुपये कोर्ट को देने होंगे। ये रकम कोर्ट जम्मू-कश्मीर के पीड़ित मुआवजा फंड में भेजेगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
बता दें कि हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कुछ मीडिया चैनलों और अखबारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था कि क्यों ना पीड़ित बच्ची की पहचान सार्वजनिक करने के मामले में उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने इस बाबत सूचना प्रसारण मंत्रालय से भी जवाब मांगा है। ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?
पिछली सुनवाई में ही कोर्ट ने मीडिया हाउसों को निर्देश दिया है कि वह आगे से बच्ची का नाम, उसकी तस्वीर, स्कूल का नाम या उसकी पहचान जाहिर करने वाली किसी भी सूचना को प्रकाशित प्रसारित करने से बचें। कोर्ट ने कहा था कि खबरों ने पीड़िता की निजता का अपमान और उल्लंघन किया है, जिसकी किसी भी हालात में अनुमति नहीं दी जा सकती है।
जानें पूरा मामला
बता दें कि इसी साल 10 जनवरी को जम्मू के कठुआ जिले के रसाना गांव में बक्करवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण होने के बाद 17 जनवरी को झाड़ियों में उसका शव मिला था। आरोप है कि इस बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या की गई। इस मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाया गया है। जांच में यह भी पता चला है कि बच्ची को अगवा कर एक मंदिर में रखा गया था। वहां उसे नशीली दवा पिलाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया। बाद में उसकी हत्या कर दी गई।