इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से फंसे दस लोगों की आपदा प्रबंधन ने बचाई जान, दो की मौत

जकार्ता, इंडोनेशिया के जावा द्वीप के सेमेरू ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद वहां फंसे दस लोगों को निकाल लिया गया है। यह जानकारी देश के आपदा प्रबंधन एजेंसी (BNPB) ने रविवार को दी। बताया जा रहा है कि इस विस्फोट में अभी तक 13  लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों जख्मी हैं। पिछले कुछ दिनों से इस ज्वालामुखी से राख और धुआं निकल रहा था। ज्वालामुखी से निकले राख और धूल की परत इतनी मोटी है कि पूरे जावा द्वीप पर दिन में ही रात जैसा नजारा दिखने लगा। इस क्षेत्र में आपरेट होने वाली विमानन कंपनियों ने पायलटों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

ज्वालामुखी के फटने के तुरंत बाद पूर्वी जावा प्रांत की आपदा प्रबंधन एजेंसी सक्रिय हो गई थी एजेंसी के प्रमुख बुडी सैंटोसा ने कहा था कि उनकी टीम अब ज्वालामुखी के पास के क्षेत्र में निकासी करने की कोशिश में जुटी है। सरकार ने विस्फोट से विस्थापित लोगों के लिए आवास और भोजन देने के निर्देश जारी कर दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि पूर्वी जावा प्रांत के दो जिले इस घटना से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। बता दें कि विस्फोट के कारण निकले घने धुएं के गुबार से लोगों को निकालने के प्रयास में काफी बाधा आई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लोग ऐसे क्षेत्रों में फंसे हुए थे जहां बचावकर्मियों का पहुंचना काफी कठिन था।

ज्वालामुखी विस्फोट के कारण आसमान से राख, मिट्टी और पत्थरों की बारिश हुई। इस कारण प्रोनोजीवो और कैंडिपुरो के दो मुख्य गांवों को जोड़ने वाला एक पुल टूट गया। इंडोनेशियाई हवाई क्षेत्र को नियंत्रित करने वाली एजेंसी AirNav इंडोनेशिया ने आसमान में फैले राख और धूल को लेकर एयरलाइंस को चेतावनी जारी की है।

सेमेरु, जावा द्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है। यह इंडोनेशिया के 130 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और सबसे घनी आबादी वाले प्रांतों में से एक में स्थित है। यह इस साल का दूसरा विस्फोट है। पिछला एक जनवरी में हुआ था और इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। 

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