रियल एस्टेट क्षेत्र में कर्ज को मिलेगी गति, आरबीआई ने जारी की पहल, ग्राहकों को होगा फायदा

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आवास ऋण को बढ़ावा देने के लिए हाल में घोषित उपायों को अमल में लाने की पहल कर दी है। इसके तहत कर्ज-मूल्य अनुपात (एलटीवी) यानी मूल्य के अनुपात में दिए जाने वाले आवास ऋण के लिए जोखिम भारांश को युक्तिसंगत बनाया गया है। 

ग्राहकों को कम ब्याज पर मिल सकेगा कर्ज

मालूम हो कि यह नई व्यवस्था 31 मार्च 2022 तक मंजूर किए जाने वाले सभी आवास ऋण पर लागू होगी। इससे एक तरफ जहां बैंकों के पास रियल एस्टेट क्षेत्र को कर्ज देने के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी, वहीं वे ग्राहकों को लाभ देने के लिए ब्याज भी कम कर सकेंगे। 

रियल एस्टेट क्षेत्र में कर्ज को मिलेगी गति

आरबीआई की इस संबंध में जारी अधिसूना के अनुसार जहां मकान के मूल्य के समक्ष कर्ज यानी एलटीवी 80 फीसदी से कम है तो नए आवास ऋण पर जोखिम भारांश 35 फीसदी होगा। वहीं एलटीवी 80 फीसदी से अधिक है लेकिन 90 फीसदी से कम है तो जोखिम भारांश 50 फीसदी होगा। आरबीआई ने कहा कि इस उपाय से रियल एस्टेट क्षेत्र में बैंक कर्ज को गति मिलने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में रोजगार सृजन तथा दूसरे उद्योगों के जुड़े होने को देखते हुए यह आर्थिक पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण है। 

यानी इससे बैंकों को प्रत्येक आवास ऋण पर जाखिम के लिहाज से पहले जो ऊंचा प्रावधान करना होता था, वह अब कम होगा। इससे उनका बोझ कम होगा। इस प्रकार के कर्ज पर 0.25 फीसदी का मानक संपत्ति प्रावधान पहले की तरह लागू रहेगा। इस बारे में एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि एलटीवी अनुपात संपत्ति के मूल्य को दिए जाने वाले कर्ज की राशि से भाग देकर निकाला जाता है। 

उदाहरण के तौर पर यदि कोई 80 लाख रुपये का मकान खरीदता है और उसके लिए 10 लाख रुपये का शुरुआती भुगतान करता है तब उसे 70 लाख रुपये कर्ज लेना है। उन्होंने कहा, ‘एलटीवी पर जोखिम भारांश की व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाने से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी। इससे वे ब्याज दर भी कम कर सकेंगे क्योंकि उनके पास ऋण देने को लेकर अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी।’

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