पहले खाओ पान फिर तोड़ो पलंग…इस दूकान पर रोज लगती हैं सुहागरात मनाने वालों की लाइन

इस पान की दूकान पर रोज लगती हैं सुहागरात मनाने वालो की लाइन, जानिए क्या हैं वजह.. कई लोगो को पान खाना बेहद पसंद होता हैं. कुछ तो खाना खाने के बाद रोजना पान खाना पसंद करते हैं. पान में भी आजकल कई तरह की वेराइटी आती हैं. इसमें बनारसी पान सबसे अधिक फेमस होता हैं. कई जगह शादी ब्याह के मौके पर भी दुल्हे को पान खिलाने की रस्मे होती हैं. आप लोगो ने भी अपने जीवन में कई पान के स्वाद चखे होंगे.पहले खाओ पान फिर तोड़ो पलंग...इस दूकान पर रोज लगती हैं सुहागरात मनाने वालों की लाइन

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ख़ास पान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खासियत जान आपके पैरो तले जमीन खिसक जाएगी. इस पान को खाने के लिए दूकान के बाहर हमेशा लोगो की लाइन लगी रहती हैं. पान खरीदने के लिए लाइन में खड़े लोगो में अधिकतर वे होते हैं जो पहली बार अपनी सुहागरात मनाने वाले हैं. जी हाँ आप ने सही पढ़ा. इस पान की दूकान पर सुहागरात मनाने वालो की भीड़ लगी रहती हैं. तो आखिर इस पान में ऐसा क्या ख़ास होता हैं जो सुहागरात मनाने वाले यहाँ आते हैं? आइए इस पुरे मामले को विस्तार से जानते हैं.

इस पान की दूकान पर सुहागरात मनाने वालो की भीड़ लगी रहती हैं.  दरअसल महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक पान की दूकान सुहागरात मनाने वालो के बीच बड़ी फेमस हैं. ‘तारा भंडार’ नाम की ये दूकान अपने स्पेशल ‘कपल पान’ और ‘कोहिनूर पान’ के लिए जानी जाती हैं. यहाँ मिलने वाले इन ख़ास पानो की कीमत 3 हजार रुपए से लेकर 7 हजार रुपए तक होती हैं.

इस पान की दूकान को चलाने वाले मोहम्मद सरफुद्दीन सिद्दीकी का कहना हैं कि हमारी दूकान पर अधिकतर लोग ‘कपल पान’ को लेने आते हैं. ये पान पुरे देश में काफी फेमस हैं. ‘कपल पान’ और ‘कोहिनूर पान’ ख़ास तौर पर शादी शुदा कपल के लिए ही बनाए जाते हैं. इस पान की ख़ास बात ये हैं कि इसे शादी की पहली रात को खाया जाता हैं. इसे खाने से रोमांस करते समय ताकत बढ़ती हैं. जी हाँ, इसे खाने से रोमांस करते समय ताकत बढ़ती हैं. इस पान को अन्य पानो की तरह खाने के बाद थूका नहीं जाता हैं. इसे पूरा ही खाना पड़ता हैं. ये एक तरह से ‘वायग्रा’ का काम करता हैं. इसमें कई तरह की ख़ास चीजें मिलाई जाती हैं जिसकी वजह से ये पान इतना महंगा होता हैं.

सरफुद्दीन कहते हैं कि इस पान में वे सारे मसाले मिलाए जाते हैं जो पहले नवाबों के पान में मिलाए जाते थे. उदाहरण के लिए इसके अन्दर मस्क, केसर, जाफरान, गुलाब की पंखुड़ियों सही कई ख़ास चीजें मिलाई जाती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मस्क 70 लाख रुपए किलो मिलता हैं. वहीँ केसर दो लाख रुपए किलो मिलता हैं. इसमें भी यदि खुशबु के लिए बंगाल से ख़ास केसर मंगवाया जाता है तो उसकी कीमत छह लाख रुपए किलो होती हैं. इसके बाद जाफरान की बात की जाए तो वो भी 5-6 लाख रुपए किलो बिकता हैं. साथ ही गुलाब की पंखुड़ियों के दाम 80 हजार रुपए किलो हैं. यही वजह हैं कि ये पान इतना महंगा बिकता हैं.

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