CRPF के द्वारा चलाई जा रही मददगार मुहिम में अबतक 34 हजार से ज्यादा फोन….

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को कमजोर हुए अब लगभग 40 दिन हो गए हैं. जम्मू में पूरी तरह से हालात सामान्य हैं तो कश्मीर घाटी में अभी धीरे-धीरे पाबंदियों को हटाया जा रहा है. कश्मीर में पूरी तरह से फोन, इंटरनेट या मोबाइल की सुविधा अभी शुरू नहीं हुई है ऐसे में जो लोग बाहर हैं और अपने घर वालों से संपर्क करना चाह रहे हैं उनके लिए केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) मददगार साबित हुई है.

CRPF के द्वारा चलाई जा रही ‘मददगार’ मुहिम में 5 अगस्त से अबतक 34 हजार से ज्यादा फोन आए हैं. इनमें अधिकतर फोन अपने रिश्तेदारों का हालचाल जानने के लिए किए गए थे. आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त से लेकर अभी तक CRPF मददगार पर 34274 (इनकमिंग-आउटगोइंग) दोनों शामिल हैं.

इन हजारों कॉल्स में से 1227 केस ऐसे हैं, जहां पर सीआरपीएफ के जवानों ने कॉलर के परिवारजनों को ढूंढा और उनके घर गए बाद में दोनों की बात करवाई. इसके अलावा हजारों केस में एयर टिकेट, पढ़ाई का पैसा, एग्जाम से जुड़ी समस्याओं को लेकर फोन किया गया.

सीआरपीएफ की तरफ से ना सिर्फ लोगों को बात करवाने बल्कि खाना, जरूरत की चीज़ों में भी मदद पहुंचाई गई. या फिर अगर किसी नागरिक को दवाई की जरूरत पड़ती थी, तो CRPF की तरफ से उस परिवार को दवाई मुहैया कराई जाती थी. 5 अगस्त से अभी तक 123 मामले ऐसे सामने आए हैं, जहां CRPF के जवानों ने लोगों के घर दवाई पहुंचाई है.

गौरतलब है कि 5 अगस्त के बाद से ही घाटी में कई तरह की पाबदियां लगी हुई हैं. हालांकि, बीते कुछ दिनों में लगातार पाबंदियों में कमी आई है. उदाहरण के तौर पर कुछ इलाकों में लैंडलाइन की सुविधा शुरू हो गई है, तो एक-दो जिलों में मोबाइल सेवा की भी बहाल कर दिया गया है.

लगातार कई क्षेत्रों में समय-समय पर धारा 144 में ढील दी जा रही है ताकि लोग अपनी जरूरत का सामान ले सकें. हालांकि, मंगलवार को मुहर्रम की वजह से एक बार फिर सख्त रुख अपनाया जा रहा है.

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