कांग्रेस ने अहम समितियों में साधा गुटीय संतुलन, प्रदेश प्रभारी ने लिया फीडबैक

प्रदेश की सियासत में दोबारा मजबूती से पांव जमाने और प्रचंड बहुमत से सत्ता में पहुंची भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस अपने सभी क्षत्रपों, दिग्गज नेताओं और सक्रिय नेताओं को साथ लेकर आगे बढ़ेगी। 31 सदस्यीय प्रदेश समन्वय समिति, 30 सदस्यीय संसदीय बोर्ड और नौ सदस्यीय अनुशासन समिति के गठन में पार्टी ने गुटीय संतुलन का फार्मूला अपनाया है। कांग्रेस ने अहम समितियों में साधा गुटीय संतुलन, प्रदेश प्रभारी ने लिया फीडबैक

प्रदेश में कांग्रेस की अहम समितियों के गठन को लेकर इंतजार खत्म हो गया। उक्त तीनों समितियों की सूची प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में जारी की। 

हालांकि, ब्लॉक अध्यक्षों की सूची अभी जारी नहीं की गई है। कुछ ब्लॉकों में चुनाव नहीं होने व अन्य कारणों से अध्यक्ष पदों पर फैसला लटका हुआ है। अगले दो-तीन दिन में ब्लॉक अध्यक्षों की सूची जारी की जा सकती है। वहीं तीन अहम समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व कार्यसमिति सदस्य हरीश रावत खेमे के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय व अन्य दिग्गजों को भी पर्याप्त तवज्जो दी गई है। 

संसदीय बोर्ड में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय तो समन्वय समिति में विधायक व पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को पहला स्थान दिया गया। समन्वय समिति में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट भी शामिल किए गए हैं। 

समन्वय समिति 

विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, विधायक काजी निजामुद्दीन व राजकुमार, पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, सुरेंद्र सिंह नेगी, मातबर सिंह कंडारी, महेंद्र सिंह मेहरा, नवप्रभात, सुरेशचंद्र आर्य व हीरा सिंह बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, नगर निगम देहरादून नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल, पूर्व विधायक नारायण राम आर्य, राजकुमार व अंबरीश कुमार, उपाध्यक्ष सरदार दलजीत सिंह गौरैया व संतोष चौहान, पूर्व प्रदेश महामंत्री गणेश उपाध्याय व हरीश मेहता, प्रदेश प्रवक्ता पुष्कर दुर्गापाल, केदार पलड़िया व सुरेश शर्मा, पूर्व सदस्य महिला आयोग रत्‍‌ना श्रीवास्तव, पूर्व प्रत्याशी गदरपुर राजेंद्र पाल सिंह पाटू, पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष महिला आयोग सरोजनी कैंतुरा, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, पूर्व ब्लॉक प्रमुख उत्तरकाशी जगमोहन सिंह रावत, पूर्व जिलाध्यक्ष विकास चौधरी व ऊधमसिंह नगर से ममता हल्दर। समन्वय समिति में सभी आनुषंगिक संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष सदस्य होंगे।

अनुशासन समिति 

अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, सचिव महेश कांडपाल, सदस्य जया बिष्ट, विजय सिंह सिजवली, राजीव जैन, दिनेश कौशिक, धीरेंद्र प्रताप सिंह, मोहसिन रजा व धर्मेद्र प्रधान। 

संसदीय बोर्ड

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा व महेंद्र पाल सिंह, विधायक करण मेहरा, मनोज रावत, आदेश चौहान, फुरकान अहमद व ममता राकेश, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़, दिनेश अग्रवाल, शूरवीर सिंह सजवाण, हरीशचंद्र दुर्गापाल व राजेंद्र सिंह भंडारी, पूर्व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत, मयूख महर, गणेश गोदियाल, विजयपाल सिंह सजवाण, मदन बिष्ट, विक्रम सिंह नेगी, मनोज तिवारी व जीत राम, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी, एसपी सिंह, प्रयागदत्त भट्ट, सरदार साहब सिंह व मुनीर आलम, पूर्व अध्यक्ष बीज निगम मिक्की कपूर व पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग अशोक वर्मा।

प्रदेश प्रभारी ने लिया प्रकोष्ठों से फीडबैक

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने पहली बार आनुषंगिक, फ्रंटल संगठनों, प्रकोष्ठों के साथ बैठक कर फीडबैक लिया। करीब तीन घंटे चली बैठक में विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने गिले-शिकवे रखे तो कुछ ने उपेक्षा का मुद्दा भी उठाया। वहीं समस्त प्रकोष्ठों से फीडबैक लेने के बाद प्रदेश प्रभारी शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 

माना जा रहा है कि मिशन 2019 को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नेताओं के साथ उक्त फीडबैक पर मंथन किया जाएगा। राजीव भवन में बुधवार को आयोजित इस बैठक में पार्टी के 26 प्रकोष्ठों में से 20 प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने शिरकत की। बैठक में एनएसयूआइ के मोहन भंडारी ने पार्टी से जुड़े छात्र नेताओं के एनएसयूआइ से अलहदा छात्र संगठनों को संचालित करने पर रोष जताया। 

उन्होंने कहा कि इससे छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआइ प्रत्याशियों को नुकसान उठाना पड़ा है। गरीब बेघर जन प्रकोष्ठ के विजय पंवार ने प्रकोष्ठ की ओर से उठाए गए मुद्दों की पिछली कांग्रेस सरकार में अनदेखी और इस मामले में प्रदेश संगठन की चुप्पी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इससे कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बुरा असर पड़ता है तो जनता के बीच भी सही संदेश नहीं जाता। 

बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ प्रदीप जोशी ने कहा कि पार्टी को शिक्षकों को अधिक संख्या में जोड़ना चाहिए। साथ ही शिक्षकों के लिए अलग से सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों की उपेक्षा का मुद्दा भी उठाया। 

बैठक में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के ताहिर अली, युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम रावत, भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के कैप्टन बलबीर सिंह रावत, पंचायती राज प्रकोष्ठ के सूरत सिंह नेगी व मोहित शर्मा, गोरखा प्रकोष्ठ के अनिल बस्नेत समेत कई पदाधिकारियों ने विचार रखे। 

महिला नेताओं ने चुनाव में टिकट देने में संगठन में सक्रिय महिलाओं की उपेक्षा का मसला उठाया। प्रदेश प्रभारी ने पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के कार्यक्रमों को सोशल मीडिया में तरजीह देने को कहा। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि मिशन 2019 में प्रकोष्ठों, आनुसंगिक संगठनों की अहम भूमिका रहेगी। 

उन्होंने विभिन्न प्रकोष्ठों को जिला व निचले स्तर पर इकाइयों के गठन के निर्देश दिए। साथ ही प्रदेश व जिला स्तर पर मुख्य संगठन की इकाइयों के साथ बेहतर तालमेल रखने पर जोर दिया। 

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रकोष्ठों व फ्रंटल संगठनों को जन मुद्दों को लेकर घर-घर में संपर्क बढ़ाना होगा। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत, पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, संजय पालीवाल, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश सचिव गिरीश पुनेड़ा, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी मेहरा समेत कई पदाधिकारी व नेता मौजूद थे।

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