क्या 31 अक्‍टूबर तक सभी कोल्‍ड स्‍टोर खाली करा पाएगी योगी सरकार, 12 अक्‍टूबर को जारी किया था आदेश

लखनऊ। आलू की आसमान छूती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने 12 अक्‍टूबर को ही आदेश जारी कर दिया था कि 31 अक्‍टूबर तक सभी कोल्‍ड स्‍टोर खाली करा लिए जाएं। इसके बावजूद प्रदेश के कोल्‍ड स्‍टोरों में अब तक 30 लाख मीट्रिक टन से भी ज्‍यादा आलू भरा हुआ है। सरकार ने जिलाधिकारियों को इसके लिए जिम्‍मेदार बनाया है लेकिन मंडियों में आलू की कम आवक से साफ है कि सरकार का आदेश केवल फाइलों तक ही सिमटा हुआ है। ऐसे में आलू का बाजार भाव अगले चार दिनों में सरकार की मंशा और अमल से तय होगा।

प्रदेश सरकार ने राज्य में आलू, टमाटर और प्याज के भावों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है। आलू-प्‍याज की जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए सभी जिलाधिकारी अपने स्तर से कार्रवाई करने का निर्देश 12 अक्‍टूबर को ही जारी किया है लेकिन इसका असर होता नहीं दिखाई दे रहा है। यह अलग बात है कि सरकार ने यह ऐलान भी कर रखा है कि 31 अक्‍टूबर के बाद कोल्‍ड स्‍टोर को बिजली आपूर्ति रोक दी जाए लेकिन यह आदेश कितना प्रभावी होगा इस पर आशंका बनी हुई है। कोल्‍ड स्‍टोर में नए सीजन का आलू रखने के लिए पुराने सीजन के माल को बाहर निकालना जरूरी है।

योगी सरका

बाजार में आलू के भाव जिस तरह ऊपर चढ़े हुए हैं ऐसे में व्‍यापारी वर्ग अपना माल कोल्‍ड स्‍टोर से बाहर लाने को कतई तैयार नहीं दिख रहा है। कोल्‍ड स्‍टोर व सरकारी तंत्र की मिलीभगत का परिणाम है कि प्रदेश सरकार के 12 अक्‍टूबर को जारी आदेश का अनुपालन अब तक दस प्रतिशत भी नहीं हुआ है। ऐसे में सरकार ने एक बार फिर सभी जिलाधिकारियेां को निर्देश दिया है। इसके बाद जिलाधिकारियों के स्‍तर से भी नए आदेश जारी हो गए हैं लेकिन कोल्‍ड स्‍टोर से निकलकर आलू अब तक मंडियों में नहीं पहुंच पाया है। अब केवल पांच कार्य दिवस ही बचे हैं ऐसे में अगर जिला प्रशासन की ओर से सख्‍त रुख दिखाया जाता है तो अगले पांच दिन के अंदर ही आलू का बाजार भाव नीचे आ जाएगा।

उद्यान विभाग द्वारा शासनादेश जारी किया गया है कि जिलों के निजी शीतगृहों में आलू भंडारण की अवधि 31 अक्टूबर, तक प्रभावी रखे। आलू प्याज व टमाटर की आवक एवं बिक्री के संबंध में प्रभावी कार्यवाही इस प्रकार सुनिश्चित करें कि इनकी जमाखोरी न हो सके। कोविड-19 के संक्रमण के चलते एवं प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में जल भराव के कारण मौसमी हरी सब्जियों के उत्पादन प्रभावित होने से आलू एवं टमाटर के दाम में वृद्धि हुई है।

जिलाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि जिला स्तर पर सभी हितधारकों जैसे शीतगृह स्वामी, स्थानीय आढती, कृषक उत्पादक संगठन एवं उत्पादकों के साथ बैठक करें और बाजार भाव को नियंत्रित रखने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उद्यान विभाग के अनुसार प्रदेश में एक अनुमान के अनुसार आलू की औसत खपत लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन रहती है। वर्तमान समय खरीफ का अन्तिम एवं रबी का प्रारंभ होने के कारण हरी सब्जियों की आवक बाजार से कम हो जाती है, जिससे आलू की खपत में वृद्धि होना स्वाभाविक है।

 

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