COA की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन और निरंजन को भेजी नोटिस

बीसीसीआई की हाल ही में हुई एसजीएम (स्पेशल जनरल मीटिंग) में राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के प्रतिनिधि के रूप में एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह के शामिल होने का मामला आज सुप्रीम कोर्ट की जांच के दायरे में आ गया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त क्रिकेट प्रशासक समिति (सीओए) ने स्टेटस रिपोर्ट दायर की है. इस रिपोर्ट में सीओए ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन पर पारदर्शिता में खलल डालने का आरोप लगाया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एन. श्रीनिवासन और निरंजन शाह को नोटिस जारी किया है.

COA की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन और निरंजन को भेजी नोटिस

योग्य न होने के बावजूद श्रीनिवासन ने लिया AGM में हिस्सा

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार सीओए ने आरोप लगाया है कि एन श्रीनिवासन बीसीसीआई की किसी भी राज्य एसोसिएशन के सदस्य बनने योग्य नहीं हैं फिर भी उन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट असोसिएशन के प्रतिनिधि के तौर पर बोर्ड की एसजीएम (स्पेशल जनरल मीटिंग) में भाग लिया.

श्रीनिवासन ने 70 वर्ष की उम्र सीमा पार कर ली है, जिसकी वजह से उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया था. इसके बावजूद उन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करते हुए बोर्ड की 7 मई और 26 जून को हुई एसजीएम में हिस्सा लिया.

श्रीनिवासन ने अन्य सदस्यों को COA के खिलाफ भड़काया था

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने बैठक का एक तिहाई वक्त खराब किया. इसके साथ ही उन्होंने अन्य लोगों को सीएओ की पारदर्शिता रेज्योल्युशन का विरोध करने के लिए भी उकसाया. उन्होंने निरंजन शाह के साथ मिलकर बैठक में अराजकता पैदा करने की कोशिश की. सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि आखिर कैसे किसी भी राज्य एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए अयोग्य घोषित किए जा चुका व्यक्ति तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन का नुमाइंदा बन सकता है.

24 जुलाई को फैसला लेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को अब 24 जुलाई को फैसला लेगा. हालांकि श्रीनिवासन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सीएओ को ‘श्रीनिवासन फोबिया’ है. इसका एकमात्र अजेंडा श्रीनिवासन की आलोचना करना है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई की बैठक के लिए अपना प्रतिनिधि चुनने का पूरा अधिकार है.

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