डीजीपी विवाद में कूदे सीएम कैप्टन, कहा- जवानों में क्या संदेश जाएगा, खत्म करें विवाद

चंडीगढ़। प्रदेश के तीन डीजीपी के बीच चल रहे विवाद को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बीच-बचाव के लिए कूदना पड़ा है। पंजाब पुलिस में बड़ा फेरबदल करने के बाद मुख्यमंत्री ने इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए हिदायत दी है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।डीजीपी विवाद में कूदे सीएम कैप्टन, कहा- जवानों में क्या संदेश जाएगा, खत्म करें विवाद

उन्होंने गृह सचिव एनएस कलसी, मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार व डीजीपी सुरेश अरोड़ा के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा है कि डीजीपी चट्टोपाध्याय द्वारा लगाए गए आरोपों की पड़ताल कर इस विवाद को खत्म करें। बीते कुछ दिनों से पुलिस विभाग में उच्च अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान से कैप्टन काफी नाराज दिखे।

उन्होंने सभी पुलिस अफसरों को चेतावनी दी है कि अनुशासन भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि पंजाब पुलिस के 80 हजार जवानों में इस प्रकार की खींचतान व विवाद को लेकर क्या संदेश जाएगा, इसलिए किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कैप्टन ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले समय में कुछ बड़े अधिकारियों का तबादला किया जा सकता है।

गौरतलब है कि डीजीपी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विशेष अर्जी देकर आरोप लगाए थे कि जगदीश भोला ड्रग्स मामले की जांच को दबाने के लिए डीजीपी सुरेश अरोड़ा व डीजीपी इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता आइजी एलके यादव के जरिए उन्हें इंदरप्रीत चड्ढा आत्महत्या मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह चड्ढा के बेटे इंदरप्रीत चड्ढा की आत्महत्या मामले में खुद को बेकसूर बताया था और मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी। इंदरप्रीत चड्ढा ने उनके पिता चरणजीत सिंह चड्ढा की अश्लील वीडियो सार्वजनिक होने के बाद आत्महत्या कर ली थी।

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