CM योगी ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर अफसरों दिए ये निर्देश…

उत्तर प्रदेश में प्रत्येक सप्ताह दो दिन के लॉकडाउन के बवजूद कोरोना संक्रमण पर अंकुश नहीं लगने से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में विभिन्न गतिविधियों को प्रतिबंधित रखे जाने के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यहां लोगों को आवश्यक सामग्री की उपलब्धता में कोई असुविधा न हो। सीएम योगी ने विभिन्न कार्यालयों और संस्थानों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क के सुचारु संचालन पर भी बल दिया और कहा कि कोविड हेल्प डेस्क में पल्स आक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर और सैनिटाइजर की उपलब्धता बनी रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर अफसरों विभिन्न निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने में काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए यह कार्य अत्यंत सावधानी व धैर्य के साथ सुव्यवस्थित ढंग से किया जाए। अधिक से अधिक टेस्ट किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग किया जाए। उन्होंने कोविड-19 से बचाव के संबंध में लोगों को जागरूक किए जाने के कार्य को जारी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि जागरूकता सृजन के लिए टीवी, रेडियो, समाचार पत्रों, पोस्टर-बैनर, होर्डिंग तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की 23 करोड़ जनता को प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं देने का कार्य कर रही है। कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में एल-1, एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के कोविड अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा को निदेश दिया कि वह कानपुर नगर जिले में कोविड-19 के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं की मौके पर समीक्षा करें और इन्हें और प्रभावी बनाने के लिए रणनीति तय करें। उन्होंने कहा कि नाॅन कोविड अस्पतालों में मरीजों की पल्स आक्सीमीटर के माध्यम से नियमित जांच की जाए। उन्होंने जिला स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लिए समस्त जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने जिले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों तथा नर्सिंग होम संचालकों के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दवा के अभाव में किसी भी रोगी का उपचार प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके दृष्टिगत सभी अस्पतालों में अतिरिक्त मात्रा में औषधियों की व्यवस्था की जाए। एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाया जाए। कोविड चिकित्सालयों में समस्त वेंटीलेटरों को क्रियाशील रखा जाए। उन्होंने टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की आनलाइन ओपीडी सेवा ‘ई-संजीवनी’ का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित हुए नवजात शिशु से लेकर वृद्धजन का सफल इलाज किया गया है। सफलतापूर्वक उपचारित किए गए ऐसे रोगियों की केस हिस्ट्री का अध्ययन करते हुए यह देखा जाना चाहिए कि इनका सफल उपचार किस प्रकार और किन स्थितियों में हुआ। इस संबंध में उच्च स्तरीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के द्वारा संवाद बनाकर उन्हें भी इन अध्ययनों से अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 एक नई बीमारी है, जिसकी कोई कारगर दवा अथवा टीका अभी तक नहीं आया है। इसके दृष्टिगत इस प्रकार के अध्ययन कोविड-19 के रोगियों की रिकवरी दर को बढ़ाने में काफी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button