चीन को बड़ी सफलता: मंगल ग्रह पर उतरा चीन का पहला रोवर जुरोंग…

चीन का जुरोंग रोवर सात महीने की अंतरिक्ष यात्रा, तीन महीने तक ऑर्बिट की परिक्रमा और आखिरी कठिन सात मिनट को पार कर शनिवार सुबह मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने शनिवार सुबह इसकी पुष्टि की है। सीएनएसए ने बताया कि देश का पहला रोवर जुरोंग मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक लैंड कर गया है। 


चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि तियानवेन-1 को 23 जुलाई, 2020 को लॉन्च किया गया था, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर जुरोंग शामिल था।तियानवेन-1 ने करीब 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के बाद से काफी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्र की हैं। इसके जरिए ही ग्रह पर बर्फीले यूटोपिया का पता लगाया जा सकेगा। 


रोवर का नाम जुरोंग क्यों रखा?
ड्रैगन ने अपने मंगल पर भेजने वाले रोवर का नाम जुरोंग रखा है। बता दें कि जुरोंग नाम चीन के अग्नि देवता के नाम पर रखा गया है। ये रोवर चीन के अंतरिक्ष यान ‘तियानवेन-1’ की बेली में लगा हुआ है। वह रोवर और लैंडर के लिए लगातार सतह की मैंपिंग कर रहा था।

जुरोंग छह पहियों वाला रोवर है। यह मंगल के यूटोपिया प्लेनेशिया समतल तक पहुंचा है जोकि मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध का हिस्सा है। चीन ने इस रोवर में एक प्रोटेक्टिव कैप्सूल, एक पैराशूट और रॉकेट प्लेफॉर्म का इस्तेमाल किया है। 

चीनी मीडिया के मुताबिक, मंगल पर चीन के रोवर का उतरना एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। चीनी इंजीनियर इस पर लंबे समय से काम कर रहे थे। मंगल की वर्तमान दूरी 32 करोड़ किलोमीटर है। इसका मतलब यह हुआ कि पृथ्वी तक रेडियो संदेश पहुंचने में 18 मिनट का वक्त  लगेगा। अमेरिका के साथ वैश्विक तकनीकी नेतृत्व को लेकर होड़ चल रही है, ऐसे में चीन के लिए यह मिशन बेहद अहम माना जा रहा है। 

बता दें कि चीन से पहले अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और भारत मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक अपने अंतरिक्ष यान उतार चुके हैं। भारत पहला एशियाई देश है, जिसने 2014 में पहली बार में ही मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान को उतारने में सफलता हासिल की थी,  तब से यह मंगल ग्रह की अहम जानकारियां और तस्वीरें भेज रहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button