चीन का घमंड भारत करेगा चूर: फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमान आज बनेगे वायुसेना का हिस्सा

चीन के साथ जारी लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच आज वायुसेना की ताकत बढ़ने वाली है. बीते दिनों फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमान आज आधिकारिक रूप से वायुसेना का हिस्सा बन जाएंगे.

लंबी राजनीतिक बहस और प्रक्रिया पूरे होने के बाद राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे हैं, जो अत्याधुनिक तकनीक के साथ वायुसेना में शामिल हुए हैं. ऐसे में राफेल लड़ाकू विमानों की खासियत क्या हैं और क्यों दुश्मन इससे घबराया हुआ है, एक नज़र डालिए…

1.    राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है जिसको भारतीय वायुसेना को दरकार थी.
2.    राफेल में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल.
3.    राफेल लड़ाकू विमान स्टार्ट होते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है. राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है, जो चीन-पाकिस्तान के विमानों को भी मात देता है. यानी राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है.
4.    लद्दाख सीमा के हिसाब से देखें तो राफेल लड़ाकू विमान फिट बैठता है. राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है. यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है. इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं.
5.    एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है. ये हवा में ही फ्यूल को भर सकता है, जैसा इसने फ्रांस से भारत आते हुए किया भी था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button